एनएमसी विधेयक (National Medical Commission Bill 2019) का विरोध कर रहे हड़ताली रेजिडेंट डॉक्टरों ने स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन से मुलाकात की. स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने डाक्टरों से हड़ताल वापस लेने की अपील की. डॉ हर्षवर्धन ने इस मुलाकात के बाद कहा कि बिल के बारे में डॉक्टरों को गलतफहमी थी. उन्हें विस्तार से समझाया गया. बच्चे समझदार हैं, उन्हें समझना चाहिए. यह बिल डॉक्टरों और मरीजों के हित में है.यह बिल वरदान साबित होने वाला है. सभी विकसित देशों में ऐसा प्रावधान है. उन्होंने कहा कि हमने अपील की है कि उनकी हड़ताल का कोई औचित्य नही है. यह जनता के हित में भी नहीं है. अब वे क्या करना चाहते हैं यह उनके ऊपर है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने हड़ताल कर रहे डॉक्टरों से शुक्रवार को काम पर लौटने की अपील करते हुए कहा कि राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) विधेयक चिकित्सकों एवं मरीजों के हित में है. उन्होंने विभिन्न चिकित्सक संघों के रेजिडेंट डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान यह अपील की.
डॉक्टर विधेयक के कुछ प्रावधानों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. चिकित्सकों के संघों ने आरोप लगाया है कि विधेयक में ऐसे प्रावधान हैं जो गरीब विरोधी, छात्र विरोधी एवं अलोकतांत्रिक हैं.
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रेजिडेंट डॉक्टरों ने विधेयक के विरोध में शुक्रवार को भी अपनी हड़ताल जारी रखते हुए सभी सेवाएं वापस ले ली हैं. यहां तक कि अस्पतालों के आपात विभागों में चिकित्सा सेवाएं ठप हैं. यह विधेयक भ्रष्टाचार के आरोप झेल रहे मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के कायाकल्प की बात करता है.
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हर्षवर्धन ने कहा, कि “मैंने उन्हें समझाया कि यह ऐतिहासिक विधेयक चिकित्सकों एवं मरीजों के हित में है. मैंने विधेयक के कुछ प्रावधानों पर उनके सवालों के जवाब भी दिए. मैंने उनसे हड़ताल खत्म करने की अपील की. मैंने उनसे कहा कि डॉक्टरों को मरीजों के प्रति अपने कर्तव्यों की अवहेलना नहीं करनी चाहिए।”
VIDEO : एनएमसी बिल के विरोध में हड़ताल पर डॉक्टर
(इनपुट भाषा से भी)
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