स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिये त्वरित परीक्षण किट का भारत में ही अगले महीने के अंत तक निर्माण शुरु हो सकेगा और इसके साथ ही देश में कोविड-19 के संक्रमण की परीक्षण क्षमता एक लाख प्रतिदिन तक पहुंचाने के लक्ष्य की भी प्राप्ति हो सकेगी. डॉ हर्षवर्धन ने मंगलवार को जैव प्रौद्योगिकी विभाग और इससे संबंधित शोध संस्थाओं के शीर्ष अधिकारियों के साथ कोरोना वायरस के खिलाफ अभियान में तकनीकी संसाधनों को विकसित करने के लिये चलाये जा रहे कार्यों की समीक्षा बैठक के बाद यह जानकारी दी.
मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार डॉ हर्षवर्धन ने इस दिशा में वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना करते हुये कहा कि देश में आगामी मई के अंत तक स्वदेशी तकनीक पर आधारित त्वरित परीक्षण एंटीबॉडी किट और आरटीपीएस किट का निर्माण शुरु हो जायेगा. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मई के अंत तक कोरोना वायरस संक्रमण के प्रतिदिन एक लाख परीक्षण करने के लक्ष्य को प्राप्त करना संभव हो जायेगा. इस दौरान उन्होंने वैज्ञानिकों से कोरोना वायरस का टीका, नई दवा और इलाज की पद्धति एवं अन्य जरूरी चिकित्सा उपकरण विकसित करने के लिए तेजी से काम करने का आग्रह किया.
उन्होंने बताया कि टीका विकसित करने संबंधी लगभग आधा दर्जन परीक्षण के प्रयास चल रहे हैं और इनमें से चार उन्नत चरण में हैं. उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा इस दिशा में 150 से अधिक स्टार्टअप सॉल्यूशन को सहायता दी जा रही है.
बैठक में विभाग की सचिव डॉ रेणु स्वरूप ने कोरोना वायरस संक्रमण के चिकित्सकीय समाधान खोजने की दिशा में जारी प्रयासों की जानकारी दी.
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