नई दिल्ली:
राष्ट्रीय राजधानी में एक चलती बस में सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई 23 वर्षीय पैरा मेडिकल छात्रा की हालत मंगलवार की शाम खराब हो गई जिसके बाद उसे ‘पूरी तरह से कृत्रिम सांस प्रणाली’ पर रखा गया है।
पीड़िता की देखभाल कर रहे चिकित्सकों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लड़की की हालत कल के मुकाबले आज सुबह बेहतर थी लेकिन दिन ढलने के साथ साथ उसकी हालत में बदलाव होने लगा।
सामूहिक बलात्कार और नृशंस हमले का सामना करने के बाद रविवार को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद से पीड़िता को गहन चिकित्सा कक्ष में रखा गया है।
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ बीडी अथानी ने बताया, ‘‘उसकी हालत नाजुक है। उसकी हालत बेहतर थी लेकिन शाम में उसके स्वास्थ्य में उतार चढ़ाव होने लगा और उसकी हालत बिगड़ गई।’’
उन्होंने बताया कि पीड़िता को अब पूरी तरह से कृत्रिम सांस प्रणाली पर रख दिया गया है और वह अब चिकित्सकों की गहन निगरानी में है।
इससे पहले अथानी ने कहा था कि उसकी चोट की प्रकृति को देखते हुए उसे अगले 48 से 72 घंटे तक चिकित्सकों की गहन निगरानी में रखा जाएगा।
उन्होंने बताया कि चिकित्सक पीड़िता के स्वास्थ्य की समय समय पर समीक्षा कर रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि उसे सर्वश्रेष्ठ उपचार मिले।
उन्होंने कहा, ‘‘उसकी चोट की प्रकृति को देखते हुए हम अभी तक उसकी हालत खतरे से बाहर नहीं बता सकते।’’
पीड़िता की देखभाल कर रहे चिकित्सकों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लड़की की हालत कल के मुकाबले आज सुबह बेहतर थी लेकिन दिन ढलने के साथ साथ उसकी हालत में बदलाव होने लगा।
सामूहिक बलात्कार और नृशंस हमले का सामना करने के बाद रविवार को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद से पीड़िता को गहन चिकित्सा कक्ष में रखा गया है।
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ बीडी अथानी ने बताया, ‘‘उसकी हालत नाजुक है। उसकी हालत बेहतर थी लेकिन शाम में उसके स्वास्थ्य में उतार चढ़ाव होने लगा और उसकी हालत बिगड़ गई।’’
उन्होंने बताया कि पीड़िता को अब पूरी तरह से कृत्रिम सांस प्रणाली पर रख दिया गया है और वह अब चिकित्सकों की गहन निगरानी में है।
इससे पहले अथानी ने कहा था कि उसकी चोट की प्रकृति को देखते हुए उसे अगले 48 से 72 घंटे तक चिकित्सकों की गहन निगरानी में रखा जाएगा।
उन्होंने बताया कि चिकित्सक पीड़िता के स्वास्थ्य की समय समय पर समीक्षा कर रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि उसे सर्वश्रेष्ठ उपचार मिले।
उन्होंने कहा, ‘‘उसकी चोट की प्रकृति को देखते हुए हम अभी तक उसकी हालत खतरे से बाहर नहीं बता सकते।’’
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