
नई दिल्ली:
बस में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई युवती ने अपने माता-पिता को लिखकर पूछा, क्या वे पकड़े गए। पीड़िता चाहती है कि दोषियों को सजा मिले। दूसरे नोट में उसने अपने पुरुष मित्र का हाल पूछा जिसने उसे बचाने का प्रयास करते हुए घायल हो गया था।
अत्यधिक पीड़ा के बावजूद पीड़ित युवती के धैर्य और साहस को देखकर चिकित्सक हैरान हैं। सफदरजंग अस्पताल के एक चिकित्सक ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा, "मेडिकल की छात्रा होने के नाते वह इलाज की प्रक्रिया को समझती है और अस्पताल के कर्मचारियों के साथ सहयोग करती रही है। उसके यौनांग का निचला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त है लेकिन ऊपरी हिस्से पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है। यदि वह इलाज के इस महत्वपूर्ण चरण से उबर जाती है तो वह सामान्य जीवन जी सकेगी।"
चिकित्सक ने यह भी कहा कि पीड़ित युवती जानती है कि छह लोगों ने उसे जिस तरह प्रताड़ित किया और चलती बस में उसके साथ दुष्कर्म किया, उससे समूचा देश दुखी है। देशभर के लोगों ने जो सहानुभूति प्रकट की है, उससे उसके दिल पर पड़ा बोझ कम हुआ है।
चिकित्सक ने कहा, "उसे पता है कि सांसदों, छात्रों और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने उसके प्रति समर्थन जताया है और समूचा देश आक्रोशित है।"
पीड़िता यहां के एक निजी अस्पताल में इंटर्नशिप कर रही थी। चिकित्सकों ने बुधवार को उसकी आंत के एक क्षतिग्रस्त हिस्से को हटाने के लिए दो घंटे की सर्जरी की थी।
चिकित्सकों ने कहा कि युवती होश में है और हालत स्थिर है। संक्रमण के कारण अगले कुछ दिनों तक उसे खतरे से बाहर नहीं माना जा सकता। उन्होंने कहा कि युवती को अभी भी वेंटिलेटर का सहारा दिया जा रहा है। उसके महत्वपूर्ण अंग सामान्य ढंग से कार्य कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि रविवार रात लगभग 9.30 बजे 23 वर्षीया पैरा-मेडिकल छात्रा अपने एक पुरुष मित्र के साथ दक्षिणी दिल्ली के मुनीरका में एक निजी बस में सवार हुई थी। बस में केवल छह लोग मौजूद थे, जिन्होंने छेड़छाड़ का विरोध करने पर उसे और उसके मित्र की बुरी तरह पिटाई की और महिपालपुर में दोनों को बस से फेंक दिया। पुलिस ने छह में से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दो फरार हैं।
अत्यधिक पीड़ा के बावजूद पीड़ित युवती के धैर्य और साहस को देखकर चिकित्सक हैरान हैं। सफदरजंग अस्पताल के एक चिकित्सक ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा, "मेडिकल की छात्रा होने के नाते वह इलाज की प्रक्रिया को समझती है और अस्पताल के कर्मचारियों के साथ सहयोग करती रही है। उसके यौनांग का निचला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त है लेकिन ऊपरी हिस्से पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है। यदि वह इलाज के इस महत्वपूर्ण चरण से उबर जाती है तो वह सामान्य जीवन जी सकेगी।"
चिकित्सक ने यह भी कहा कि पीड़ित युवती जानती है कि छह लोगों ने उसे जिस तरह प्रताड़ित किया और चलती बस में उसके साथ दुष्कर्म किया, उससे समूचा देश दुखी है। देशभर के लोगों ने जो सहानुभूति प्रकट की है, उससे उसके दिल पर पड़ा बोझ कम हुआ है।
चिकित्सक ने कहा, "उसे पता है कि सांसदों, छात्रों और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने उसके प्रति समर्थन जताया है और समूचा देश आक्रोशित है।"
पीड़िता यहां के एक निजी अस्पताल में इंटर्नशिप कर रही थी। चिकित्सकों ने बुधवार को उसकी आंत के एक क्षतिग्रस्त हिस्से को हटाने के लिए दो घंटे की सर्जरी की थी।
चिकित्सकों ने कहा कि युवती होश में है और हालत स्थिर है। संक्रमण के कारण अगले कुछ दिनों तक उसे खतरे से बाहर नहीं माना जा सकता। उन्होंने कहा कि युवती को अभी भी वेंटिलेटर का सहारा दिया जा रहा है। उसके महत्वपूर्ण अंग सामान्य ढंग से कार्य कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि रविवार रात लगभग 9.30 बजे 23 वर्षीया पैरा-मेडिकल छात्रा अपने एक पुरुष मित्र के साथ दक्षिणी दिल्ली के मुनीरका में एक निजी बस में सवार हुई थी। बस में केवल छह लोग मौजूद थे, जिन्होंने छेड़छाड़ का विरोध करने पर उसे और उसके मित्र की बुरी तरह पिटाई की और महिपालपुर में दोनों को बस से फेंक दिया। पुलिस ने छह में से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दो फरार हैं।
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