आरएसएस के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी
रांची:
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने दादरी में पीट-पीटकर एक शख्स की हत्या जैसी कुछ 'निंदनीय' घटनाओं को संघ से जोड़ने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि संघ को अनावश्यक 'कठघरे' में खड़ा किया जा रहा है और यह कुछ ताकतों की साजिश है।
संघ ने इस बात से इनकार किया कि इसने आरक्षण नीति की समीक्षा की मांग की थी और कहा कि समाज को जब तक आरक्षण प्रणाली की जरूरत है तब तक वह इसे जारी रखने का समर्थन करता है। संघ ने कुछ ताकतों द्वारा हिंदू संस्कृति और संगठनों का मजाक उड़ाने के ‘विनाशकारी प्रयासों’ को 'काफी निंदनीय' करार दिया।
संघ ने उन आरोपों की सच्चाई का खुलासा करने की मांग की जिसमें कुछ ताकतें हाल में देश में हुई निंदनीय घटनाओं को उससे जोड़ती हैं। आरएसएस के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी ने कहा, 'पिछले कुछ दिनों में कुछ ताकतें विभिन्न घटनाओं को संघ से जोड़कर इसे कठघरे में खड़ा करने का प्रयास कर रही हैं।' उन्होंने इसे हिंदू समाज का 'अपमान' करार दिया।
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, हमारा मानना है कि संघ को साजिश के तहत अनावश्यक रूप से कठघरे में खड़ा किया जा रहा है। हमने हमेशा इस तरह की घटनाओं की निंदा की है, क्योंकि ऐसी घटनाएं समाज के लिए ठीक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं की तह में जाना जरूरी है, ताकि सच्चाई का पता चल सके। जोशी ने कहा कि पहले भी संघ पर आरोप लगते रहे हैं, लेकिन जब गहराई में गए तो ऐसे आरोप झूठे साबित हुए।
आरक्षण को लागू करने के सिलसिले में पूछे गए एक सवाल के जवाब में जोशी ने कहा कि अगर कोई खामी है तो उसे दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा, जहां तक समाज के लिए आरक्षण की जरूरत है इसे जारी रहना चाहिए। हमने यही बात बार-बार कही है। बिहार चुनावों से पहले पिछले महीने आरक्षण नीति पर भागवत की टिप्पणी से राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया था।
जोशी ने कहा कि संघ अपने विचारों में हमेशा सकारात्मक रहा है और हर किसी की भावना का सम्मान किया है। उन्होंने कहा, हम पिछले 90 सालों से सामजिक जीवन में हैं और संघ के खिलाफ किसी ने भी असहिष्णुता के आरोप नहीं लगाए। उन्होंने कहा, मैं समझता हूं कि यह हिंदू समाज का अपमान है और समाज में संघ के सकारात्मक काम को समझना जरूरी है।
संघ ने इस बात से इनकार किया कि इसने आरक्षण नीति की समीक्षा की मांग की थी और कहा कि समाज को जब तक आरक्षण प्रणाली की जरूरत है तब तक वह इसे जारी रखने का समर्थन करता है। संघ ने कुछ ताकतों द्वारा हिंदू संस्कृति और संगठनों का मजाक उड़ाने के ‘विनाशकारी प्रयासों’ को 'काफी निंदनीय' करार दिया।
संघ ने उन आरोपों की सच्चाई का खुलासा करने की मांग की जिसमें कुछ ताकतें हाल में देश में हुई निंदनीय घटनाओं को उससे जोड़ती हैं। आरएसएस के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी ने कहा, 'पिछले कुछ दिनों में कुछ ताकतें विभिन्न घटनाओं को संघ से जोड़कर इसे कठघरे में खड़ा करने का प्रयास कर रही हैं।' उन्होंने इसे हिंदू समाज का 'अपमान' करार दिया।
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, हमारा मानना है कि संघ को साजिश के तहत अनावश्यक रूप से कठघरे में खड़ा किया जा रहा है। हमने हमेशा इस तरह की घटनाओं की निंदा की है, क्योंकि ऐसी घटनाएं समाज के लिए ठीक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं की तह में जाना जरूरी है, ताकि सच्चाई का पता चल सके। जोशी ने कहा कि पहले भी संघ पर आरोप लगते रहे हैं, लेकिन जब गहराई में गए तो ऐसे आरोप झूठे साबित हुए।
आरक्षण को लागू करने के सिलसिले में पूछे गए एक सवाल के जवाब में जोशी ने कहा कि अगर कोई खामी है तो उसे दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा, जहां तक समाज के लिए आरक्षण की जरूरत है इसे जारी रहना चाहिए। हमने यही बात बार-बार कही है। बिहार चुनावों से पहले पिछले महीने आरक्षण नीति पर भागवत की टिप्पणी से राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया था।
जोशी ने कहा कि संघ अपने विचारों में हमेशा सकारात्मक रहा है और हर किसी की भावना का सम्मान किया है। उन्होंने कहा, हम पिछले 90 सालों से सामजिक जीवन में हैं और संघ के खिलाफ किसी ने भी असहिष्णुता के आरोप नहीं लगाए। उन्होंने कहा, मैं समझता हूं कि यह हिंदू समाज का अपमान है और समाज में संघ के सकारात्मक काम को समझना जरूरी है।
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