भंडाफोड़ करने वाले अशोक खेमका के लिए नई परेशानी खड़ी करते हुए हरियाणा सरकार ने गुजरात की एक कंपनी को आठ करोड़ रुपए का सौदा देने में कथित अनियिमतता को लेकर इस आईएएस अधिकारी के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश करने का फैसला किया है।
आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सीबीआई जांच के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जो राज्य के गृह मंत्रालय ने सौंपा था।
सूत्रों ने बताया कि अब राज्य का गृह मंत्रालय खेमका के खिलाफ सीबीआई जांच के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से संपर्क साधेगा।
सूत्रों के अनुसार, इस जांच का आदेश एक आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत के बाद दिया जा रहा है। आरटीआई कार्यकर्ता ने गोदामों के वास्ते चादरों की खरीद के लिए आठ करोड़ रुपए के सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि वर्ष 2009 में राज्य गोदाम निगम के निदेशक के रूप में बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए गुजरात की एक फर्म को सौदा दिया था।
वर्ष 1991 बैच के आईएएस अधिकारी खेमका तब सुखिर्यों में आए थे, जब उन्होंने यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और रियलटी कंपनी डीएलएफ के बीच के जमीन के सौदे की दाखिल खारिज रद्द कर दी थी।
सरकार ने गलत तरीके से दाखिल खारिज रद्द करने को लेकर खेमका के खिलाफ आरोपपत्र जारी किया था।
इस संबंध में खेमका टिप्पणी के लिए नहीं मिल पाए, लेकिन उन्होंने कुछ समय पहले हरियाणा के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अपने खिलाफ लगे आरोपों का खंडन किया था।
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