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This Article is From Aug 25, 2015

हार्दिक पटेल की अहमदाबाद में हुंकार, प्यार से हक दे दो, वरना छीन लेंगे

हार्दिक पटेल की अहमदाबाद में हुंकार, प्यार से हक दे दो, वरना छीन लेंगे
हार्दिक पटेल
अहमदाबाद में आरक्षण की मांग को लेकर पटेल समुदाय के लोगों की महारैली ने राज्य सरकार को मुश्किल में डाल दिया है। इस रैली में हजारों लोगों की भीड़ जुटी।

अहमदाबाद में रैली की जगह पहुंचकर कलेक्टर ने ज्ञापन लेने की पेशकश की, जिस पर हार्दिक पटेल ने सीएम आनंदीबेन पटेल को बुलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सीएम के आने तक वह और दूसरे नेता उपवास पर बैठे रहेंगे।

पटेल समाज को उसका हक और न्याय मिलना चाहिए : हार्दिक
रैली को संबोधित करते हुए हार्दिक पटेल ने कहा, अगर एक पटेल (सरदार पटेल) देश को जोड़ सकता है, तो हम राज्य में 80 लाख हैं, पूरे देश में 27 करोड़ हैं, हम ये नहीं कर सकते? उन्होंने कहा, पटेल समाज को उसका हक और न्याय मिलना चाहिए। हमारी मांगें सही हैं। हमारी लड़ाई सिस्टम के खिलाफ है। हम किसी दल के नहीं हैं, लेकिन जो हमारे आंदोलन को सफल बनाएगा हम उसी का साथ देंगे।

देश में सबसे ज्यादा सांसद हमारे
हार्दिक ने पाटीदार समाज के लोगों से एकजुट होने की अपील की और कहा कि देश भर में 170 सांसद हैं, जो कि पाटीदार हैं, लेकिन उनमें से कई को इस बारे में मालूम नहीं है।  प्यार से हक दो, नहीं तो छीन लेंगे।

मांग नहीं मानी तो 2017 में कमल नहीं खिलेगा
उन्होंने कहा, अगर हमारे हित की बात नहीं मानी तो 2017 में कमल नहीं खिलेगा। हम भीख नहीं मांग रहे हैं। हम जहां निकलते हैं, वहीं पर क्रांति शुरू हो जाती है। यह आंदोलन 100 मीटर की दौड़ नहीं है, बल्कि एक मैराथॉन है।

नीतीश और चंद्रबाबू नायडू हमारे हैं
हार्दिक ने कहा, अगर देश का युवा आंदोलन के जरिये अपना हक मांगने निकलता है और उसे हक नहीं मिलता तो उसमें से कोई नक्सलवाद पैदा हो सकता है। कुछ लोगों ने कहा कि गुजरात में तुम्हारा पोल पॉवर बहुत अच्छा है। गुजरात में देख लिया, बिहार में नहीं देखा, नीतीश कुमार हमारे हैं। आंध्र प्रदेश में नहीं देखा, चंद्रबाबू नायडू हमारे हैं।

हमारी क्रांति बच्चे-बच्चे की जुबान पर
हार्दिक ने कहा, यह देश, जवान, किसान और मजदूरों के कंधों पर चलता है। हमारी क्रांति बच्चे-बच्चे की जुबान पर है। हम खुद में ताकतवर हैं, हमें किसी की जरूरत नहीं है।

अपनी पांच मांगों से पीछे नहीं हटेंगे
ये आंदोलन आरक्षण के साथ खत्म होगा। विकास के नाम पर आपको वोट मिला है, आरक्षण देकर विकास करो।  हम अपनी पांच मांगों से पीछे नहीं हटेंगे।

गुजरात सरकार का रुख
रविवार को राज्य की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने अख़बारों में खुली चिट्ठी लिखकर पटेल समुदाय से अपना आंदोलन ख़त्म करने की अपील की थी। उन्होंने साफ़ कर दिया  था कि संविधान के दायरे में पटेलों को आरक्षण देना संभव नहीं हो पाएगा। हालांकि पटेल समुदाय के ग़रीबों लोगों की मदद के लिए योजना बनाने में विचार किया जा सकता है।

सुरक्षा चाकचौबंद,  हजारों जवान तैनात
गुजरात के अलावा दूसरे राज्यों के लोगों ने भी इस रैली में हिस्सा लिया जिसे लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए हैं। 20 हज़ार से ज़्यादा पुलिस के जवानों को सुरक्षा में लगाया दिया गया है। कमांडो और अर्धसैनिक बलों को भी सुरक्षा में लगाया गया है। ड्रोन के ज़रिए भीड़ पर नजर रखी जा रही है। पश्चिम अहमदाबाद के ज़्यादातर इलाक़ों को नो-वीकल ज़ोन बना दिया गया है।

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