मध्य प्रदेश के ग्वालियर हाईकोर्ट की एक जज पर यौन उत्पीड़न की कोशिश के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को नोटिस भेजा है। यह नोटिस हाईकोर्ट के आरोपी जज को भी भेजा गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में चार हफ्ते में जवाब मांगा है, साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की बनाई जांच कमेटी पर भी रोक लगा दी है। यह जांच कमेटी 8 अगस्त को बनाई गई थी।
गौरतलब है कि इस महिला जज ने यौन उत्पीड़न की कथित घटनाओं के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
वहीं इस मामले में यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे हाइकोर्ट के जज ने भी इस विवाद पर अपना पक्ष रखा था। इस जज ने कहा था कि वह किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं।
इस मसले पर मध्य प्रदेश के चीफ जस्टिस को लिखे खत में उन्होंने लिखा था कि वह किसी भी कमेटी से जांच के लिए तैयार हैं। यही नहीं उनका कहना है कि अगर वो दोषी पाए गए तो फांसी की सज़ा के लिए भी तैयार हैं।
महिला जज का आरोप है कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जज ने उन्हें अपने घर अकेले बुलाने पर ज़ोर दिया। उन्हें डांस करने के लिए कहा और मांगें नहीं मानने पर ट्रांसफर किया।
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