विज्ञापन
This Article is From Jun 17, 2016

गुलबर्ग केस के फैसले पर जकिया ने कहा - कोर्ट ने मेरे साथ अन्याय किया, हाईकोर्ट जाऊंगी

गुलबर्ग केस के फैसले पर जकिया ने कहा - कोर्ट ने मेरे साथ अन्याय किया, हाईकोर्ट जाऊंगी
जकिया जाफरी...
अहमदाबाद: एसआईटी की विशेष अदालत 2002 में हुए गुलबर्ग सोसाइटी दंगा मामले के सभी 24 दोषियों की सजा का ऐलान कर दिया है। 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। 12 को 7 साल और एक दोषी को 10 साल कैद की सजा सुनाई गई है।

मुझे न्याय नहीं मिला : जकिया जाफरी
कोर्ट के फैसले पर जकिया जाफरी ने कहा कि मैं इस सजा से संतुष्ट नहीं हूं। कम सजा दी गई है। मुझे फिर तैयारी करनी होगी, वकीलों से राय लेकर आगे बढ़ना पड़ेगा। मुझे न्याय नहीं मिला।

उन्होंने बताया कि सुबह 7 बजे से यह सब शुरू हुआ, मैं वहीं थी। मैंने सब अपनी आंखों से देखा। मेरे सामने इतनी बेरहमी से लोगों को जलाया गया। मेरे पति अहसान जाफरी को भी जला दिया गया। क्या ऐसे लोगों को इतनी कम सजा मिलनी चाहिए। यह गलत इंसाफ है, ज्यादातर लोगों को छोड़ दिया है। सभी को उम्रकैद की सजा दी जानी चाहिए।

(यहां देखें वीडियो)

आगे अपील करेंगे : तीस्ता सीतलवाड़
सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने कहा कि इस जजमेंट से निराशा हुई है। 11 लोगों पर गंभीर आरोप थे तो उन्हें तो उम्रकैद की सजा होनी ही थी, लेकिन 12 लोगों को सिर्फ 7 साल की सजा देने ठीक नहीं है। घंटों खड़े होकर दोषियों ने लोगों को जलाया। मेरे हिसाब से यह वीक जजमेंट हैं। इस पर हम आगे अपील करेंगे।

गुलबर्ग सोसाइटी के मामले में कोर्ट ने 66 आरोपियों में से 24 को दोषी ठहराया था और 36 को बरी कर दिया था। इस मामले में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी समेत 69 लोगों की हत्या कर दी गई थी।
 

ज़किया जाफरी की लड़ाई
77 साल की ज़किया जाफरी तो न्याय की लड़ाई की आइकन बन गई हैं। उन्‍होंने भी अपने शौहर और कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी को खोया। 14 साल से बीमारी के बावजूद वो लगातार अलग अलग एजेंसियों में न्याय की लड़ाई लड़ रही हैं। एसआईटी से लेकर कोर्ट तक हर जगह उन्‍होंने लड़ाई लड़ी है।

क्या हुआ था
28 फरवरी 2002 को हजारों की हिंसक भीड़ ने गुलबर्ग सोसायटी पर हमला कर दिया था। इसमें 69 लोग मारे गए थे, जिनमें पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफ़री भी थे। 39 लोगों के शव बरामद हुए थे और 30 लापता लोगों को सात साल बाद मृत मान लिया गया था।

गुलबर्ग सोसाइटी दंगा मामला : जानें कब क्या हुआ?

1. 28 फ़रवरी 2002
भीड़ ने गुलबर्ग सोसाइटी पर हमला किया
39 शव मिले, 31 लापता
11 के ख़िलाफ़ FIR दर्ज

2. 21 नवंबर 2003
पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप
SC ने 9 मामलों की सुनवाई रोकी

3. 26 मार्च 2008
सुप्रीम कोर्ट ने SIT गठित की
रिटायर्ड CBI डायरेक्टर आरके राघवन चीफ़ बने

4.11 अगस्त 2009
25 और आरोपी गिरफ़्तार किए गए
62 आरोपियों के ख़िलाफ़ आरोप तय

5.मई 2010
सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम फ़ैसले पर रोक लगाई

6. 22 सितंबर 2015
स्पेशल कोर्ट ने लंबी सुनवाई पूरी की
कुल 338 गवाहों की पेशी हुई

7.22 फ़रवरी 2016
SC ने अंतिम फ़ैसले से रोक हटाई

8.2 जून 2016
24 लोग दोषी क़रार
36 आरोपी बरी


कौन थे एहसान जाफरी और फेसबुक पर उनकी बेटी ने क्‍यों किया था पिता के साथ फोटो शेयर ...

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
गुलबर्ग मामला, गुजरात दंगे, एहसान जाफरी, जकिया जाफरी, गुजरात सरकार, Gulbarg Society Case, Gujarat 2002 Riots, Ahsan Jaffery, Zakia Jaffri
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com