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This Article is From Jan 26, 2022

'अमेरिका जाने के सपने' ने छीनी 4 जिंदगियां, कनाडा में ठंड में जमकर 'गुजराती परिवार' की मौत

स्थानीय लोगों का कहना है कि दिंगुचा गांव से कई लोग विदेश में बसे हुए हैं, खासकर अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में. वे आमतौर पर पंचायल बिल्डिंग, स्कूल, मंदिर, स्वास्थ्य केंद्र और कम्युनिटी हॉल के निर्माण समेत अन्य कामों के लिए चंदा देते हैं. 

'अमेरिका जाने के सपने' ने छीनी 4 जिंदगियां, कनाडा में ठंड में जमकर 'गुजराती परिवार' की मौत
दिंगुचा गांव के कई लोग विदेश में बसे हुए हैं (प्रतीकात्मक तस्वीर)
दिंगुचा (गुजरात):

गुणवत्तापूर्ण नौकरी की कमी गुजरात के दिंगुचा गांव के लोगों को बेहतर भविष्य की तलाश के लिए अमेरिका और अन्य विकसित राज्यों की ओर से ले जाने के लिए विवश कर रही है. यह इच्छा इतनी प्रबल है कि कुछ लोग अपने उद्देश्य को हासिल करने के लिए अवैध रास्ता चुना रहे हैं और अपनी जान खतरे में डाल रहे हैं. 

गुजरात के गांधीनगर जिले का दिंगुचा गांव इन दिनों चर्चा में है. माना जा रहा है कि दिंगुचा गांव के रहने वाले एक ही परिवार के चार लोगों की अमेरिका-कनाडा सीमा पर मौत हो गयी. मृतकों में पति-पत्नी और उनके दो बच्चे भी शामिल हैं. उस इलाके में भीषण ठंड के कारण इनकी मौत हुई. कहा जा रहा है कि वे अमेरिका में अवैध रूप से घुसने की कोशिश कर रहे थे. 

स्थानीय लोगों का कहना है कि दिंगुचा गांव से कई लोग विदेश में बसे हुए हैं, खासकर अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में. वे आमतौर पर पंचायल बिल्डिंग, स्कूल, मंदिर, स्वास्थ्य केंद्र और कम्युनिटी हॉल के निर्माण समेत अन्य कामों के लिए चंदा देते हैं. 

उन्होंने कहा कि कई और लोग भी हैं जो बेहतर अवसर की तलाश में विदेश का रूख करने का विचार कर रहे हैं. दिंगुचा गांव में घुसने पर यह एक गांव नहीं बल्कि कस्बे की तरह लगता है. 

डिंगुचा में पंचायत भवन में एक दीवार पर विज्ञापन लगा है, जिसमें  IELTS के साथ या फिर इसके बिना ब्रिटेन या कनाडा में विश्वविद्यालय में नामांकन का वादा किया गया है. इन देशों में यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए अंग्रेजी दक्षता परीक्षा देना अनिवार्य होता है.  

गांव में कुछ इसी तरह की और भी होर्डिंग्स लगी हैं, जिनमें अमेरिका और कनाडा के पढ़ने के बारे में लिखा हुआ है. यह गांव अहमदाबाद से कुछ 40 किलोमीटर दूर है और यहां के युवा बेहतर अवसर की तलाश के लिए हमेशा विदेश जाने का सपना देखते हैं. 

33 साल पहले खुद अमेरिका जाने वाले अमृत पटेल ने कहा कि यहां अवसरों की कमी की लोगों को विदेश जाने के लिए विवश कर रही है. अमृत बाद में अपने परिवार को भी अमेरिका लेकर चले गए थे.

अमेरिका के बाल्टीमोर में बेटे के साथ रेस्तरां चलाने वाले पटेल ने कहा, "सिर्फ दिंगुचा में ही नहीं, मैं पूरे गुजरात की बात कर रहा हूं. लोगों को उनकी शिक्षा के अनुरूप वेतन नहीं मिल रहा है, तो वे सोचते हैं, क्यों न विदेश जाकर अधिक कमाई की जाए?" पटेल की तीनों बेटियों की शादी भी अमेरिका में ही हुई है.

स्थानीय लोगों के मुताबिक, गांव से एक दंपति और उनके दो बच्चे, जो कि हाल ही में विजिटर वीजा पर कनाडा  गए थे, लापता हो गए हैं.

ग्रामीणों को लगता है कि यह वही परिवार हो सकता हैं, जो कनाडा के रास्ते अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश करते हुए मौत के मुंह में समा गए हैं. खासकर ऐसे समय में जब से उनकी पहचान को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

पटेल ने कहा, "लोग अमेरिका या कनाडा में अवसरों की तलाश कर रहे हैं, क्योंकि यहां अवसर की कमी है... चूंकि हर कोई कानूनी तरह से विदेश नहीं जा सकता है, इसलिए वे अवैध रूप से प्रवेश करने के तरीकों की तलाश कर रहे हैं- शायद कुछ ऐसा ही कपल भी करने की कोशिश कर थे."

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