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This Article is From Dec 03, 2019

चुनाव के दौरान कांग्रेस की ओर से दिए गए 'वचन' को याद दिलाने कमलनाथ के छिंदवाड़ा पहुंचे 'अतिथि विद्वान'

मध्य प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में 15-20 सालों से पढ़ा रहे 'अतिथि विद्वान' कमलनाथ सरकार की वादाखिलाफी से नाराज होकर उनके निर्वाचन क्षेत्र छिंदवाड़ा पहुंच गये हैं.

चुनाव के दौरान कांग्रेस की ओर से दिए गए 'वचन' को याद दिलाने कमलनाथ के छिंदवाड़ा पहुंचे 'अतिथि विद्वान'
मध्य प्रदेश में 'अतिथि विद्वान' छिंदवाड़ा में प्रदर्शन कर पहुंच गए हैं
भोपाल:

मध्य प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में 15-20 सालों से पढ़ा रहे 'अतिथि विद्वान' कमलनाथ सरकार की वादाखिलाफी से नाराज होकर उनके निर्वाचन क्षेत्र छिंदवाड़ा पहुंच गये हैं. पुलिस ने उन्हें छिंदवाड़ा से 13 किलोमीटर पहले ही रोक दिया. प्रदर्शनकारियों में महिला 'अतिथि विद्वान' भी हैं, जो सड़क पर धरना दे रहे हैं. प्रदर्शन मध्य प्रदेश अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के बैनर तले हो रहा है, ये शिक्षक सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे हैं. दरअसल कांग्रेस ने अपने वचनपत्र में अतिथि विद्वानों की नौकरी को लेकर वायदा किया था. आश्वासन दिया था कि यदि प्रदेश में सरकार आई तो इनको नियमित कर कॉलेज में स्थायी नियुक्ति दी जाएगी. सरकार का एक साल बीत जाने के बाद भी अभी तक यह वादा पूरा नहीं किया गया है.

उधर मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग (एमपीपीएससी) ने कॉलेजों में रिक्त असिस्टेंट प्रोफेसर के तीन हजार पदों के लिए भर्ती निकाली थी. ऑनलाइन परीक्षा भी हो गई और 27 सौ अभ्यर्थी चयनित भी कर लिए गए, लेकिन नियुक्ति नहीं मिली. लंबे समय से अटकी पड़ी इस भर्ती की नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण करने की मांग को लेकर चयनित अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे हैं. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रविवार और सोमवार को चयनित 70 अभ्यर्थियों ने सामूहिक मुंडन करा कमलनाथ सरकार के खिलाफ विरोध जताया.

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पेंच कुछ यूं है कि वर्तमान नियमों के अनुसार पीएससी चयनित उम्मीदवारों को नौकरी मिलने से अतिथि विद्वान बाहर हो जाएंगे. उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी का कहना है कि अतिथि विद्वानों को बाहर नहीं किया जाएगा. अधिकारिक तौर पर विभाग ने अतिथि विद्वानों को बाहर नहीं करने का कोई आदेश जारी नहीं किया है. यह शासन द्वारा स्वीकृत पदों के विरूद्ध ही कार्यरत हैं. जानकार कहते हैं विवाद खत्म करने के लिये सांख्येत्तर पद बनाने की जरूरत है. यानी तात्कालिक होते, जैसे जैसे नियमित पद सेवानिवृत्ति या दूसरी वजहों से खाली होंगे सांख्येत्तर पद पर नियुक्त लोग नियमित हो जाएंगे.

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