शिक्षा, रोजगार के लिए विदेश जाने के इच्छुक लोगों को बूस्टर खुराक देने पर हो रहा विचार

वर्तमान में, देश में स्वास्थ्य सेवा और अग्रिम पंक्ति के कर्मियों तथा 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को कोविड-19 रोधी टीके की एहतियाती खुराक दी जा रही है.

शिक्षा, रोजगार के लिए विदेश जाने के इच्छुक लोगों को बूस्टर खुराक देने पर हो रहा विचार

प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली:

सरकार शिक्षा, रोजगार, खेलकूद और आधिकारिक या व्यावसायिक प्रतिबद्धताओं में शामिल होने के लिए विदेश यात्रा करने के इच्छुक लोगों को जल्द ही कोविड-19 रोधी टीके की एहतियाती खुराक दिए जाने की अनुमति दे सकती है. आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस बात पर भी चर्चा हो रही है कि क्या विदेश जाने वाले यात्रियों को निजी टीकाकरण केंद्रों पर बूस्टर खुराक लेनी चाहिए और इसके लिए भुगतान करना चाहिए. 

वर्तमान में, देश में स्वास्थ्य सेवा और अग्रिम पंक्ति के कर्मियों तथा 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को कोविड-19 रोधी टीके की एहतियाती खुराक दी जा रही है.

मामले से अवगत सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि रविवार से निर्धारित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें फिर से बहाल होने के साथ विदेश मंत्रालय ने हाल में कुछ देशों द्वारा तीसरे या बूस्टर खुराक की आवश्यकता के मद्देनजर लागू किए जा रहे यात्रा प्रतिबंधों और यह कैसे भारतीय यात्रियों की आवश्यक यात्रा को प्रभावित कर रहा है, इसे रेखांकित किया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को रोजगार के अवसरों, शैक्षिक उद्देश्यों या आधिकारिक, व्यावसायिक प्रतिबद्धताओं में शामिल होने के इच्छुक लोगों के लिए एहतियाती खुराक लेने की अनुमति को लेकर आवेदन प्राप्त हुए हैं.

एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘इन तथ्यों के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय उन लोगों के लिए कोविड टीके की बूस्टर या एहतियाती खुराक की अनुमति देने पर विचार कर रहा है जो नौकरियों, विदेशी शिक्षण संस्थानों में प्रवेश, खेल टूर्नामेंट में भाग लेने, द्विपक्षीय, बहुपक्षीय बैठकों में भारत के आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के रूप में या व्यावसायिक प्रतिबद्धताओं में भाग लेने के लिए विदेश जाना चाहते हैं.''

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक निर्देश जारी नहीं किया गया है. मौजूदा निर्देशों के तहत दूसरी खुराक दिए जाने की तारीख से नौ महीने के बाद खुराक दी जाती है.

देश में टीकाकरण अभियान 16 जनवरी, 2021 को शुरू किया गया था, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों को पहले चरण में टीका लगाया गया था. अग्रिम मोर्चे के कर्मियों का टीकाकरण पिछले साल दो फरवरी से शुरू हुआ था. इसके बाद अलग-अलग उम्र समूहों के लिए टीके की शुरुआत की गई. वहीं, 15 से 18 उम्र समूह के किशोरों को इस साल तीन जनवरी से टीके दिए जाने की शुरुआत हुई.

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भारत ने इस साल 10 जनवरी से स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों तथा 60 वर्ष व उससे अधिक उम्र के लोगों को टीकों की एहतियाती खुराक देना शुरू किया.



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)