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This Article is From Jan 16, 2018

उच्च शिक्षा में मिलेगी ऑनलाइन डिग्री, छात्रों का दाखिला बढ़ाने के लिये सरकार का कदम

मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि देश के कुछ नामी गिरामी विश्वविद्यालयों को ये ऑनलाइन डिग्री देने की इजाजत दी जायेगी.

उच्च शिक्षा में मिलेगी ऑनलाइन डिग्री, छात्रों का दाखिला बढ़ाने के लिये सरकार का कदम
प्रकाश जावड़ेकर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: उच्च शिक्षा में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिये सरकार ने फैसला किया है कि कला और मानविकी जैसे विषयों में अब ऑनलाइन डिग्री भी मिल सके. सरकार कहती है कि अगले महीने तक इसके लिये नियम तैयार हो जायेंगे. देश की ऐसी नामी गिरामी यूनिवर्सिटीज़ अब जल्द ही ऑनलाइन डिग्री दे सकेंगी. केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड यानी केब की बैठक के बाद मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि देश के कुछ नामी गिरामी विश्वविद्यालयों को ये ऑनलाइन डिग्री देने की इजाजत दी जायेगी.

एनडीटीवी इंडिया से बातचीत में प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, “जो यूनिवर्सिटीज राष्ट्रीय मानक यानी नैक के एक्रिडेशन में बहुत उच्च स्तर पाती हैं या जिन्हें A+  ग्रेड मिले हैं, उनको ही ये इजाज़त मिलेगी. आप समझ लीजिये ये 15 प्रतिशत टॉप यूनिवर्सिटीज़ को ही ये इजाजत मिलेगी ... सबको नहीं मिलेगी. लेकिन ये ऑनलाइन या ओडीएल में शिक्षा का विस्तार जरूरी है.”

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जावड़ेकर ने कहा कि ऑनलाइन डिग्री कोर्सेज में केवल नॉन टेक्निकल यानी मानविकी और कला के कोर्सेज ही होंगे. सरकार का कहना है कि छात्रों के साथ बातचीत और उनके सवालों के जवाब के लिये ऑनलाइन सेशन भी इन डिग्री कोर्सेज का हिस्सा होंगे और परीक्षा जीमैट या जीआरई के तर्ज पर होगी. ये कदम उच्च शिक्षा में छात्रों के पंजीकरण का पैमाना कहा जाने वाले ग्रॉस इनरोलमेंट रेशियो यानी जीईआर बढ़ाने के लिये है.

जीईआर वह पैमाना है जिससे पता चलता है कि 18 से 23 साल की आबादी में कितने छात्र उच्च शिक्षा ले रहे हैं. सरकार अगले तीन साल में इस अनुपात को वर्तमान 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत करना चाहती है. इस हिसाब से उच्च शिक्षा में करीब सवा करोड़ नये छात्र 2020 तक उच्च शिक्षा में भरती करने होंगे जो काफी महत्वाकांक्षी हैं. इसलिये सरकार डिस्टेंस लर्निंग के साथ ऑनलाइन को एक हथियार बनाना चाहती है.

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सरकार  के मुताबिक, इस बारे में नियम अगले महीने तक बन जायेंगे लेकिन एक सवाल यह है कि ऑनलाइन कोर्सेज में गुणवत्ता का खास ख्याल रखना होगा, क्योंकि पूरी दुनिया में इस तरह की पहल के नतीजे बहुत उत्साहवर्धक नहीं रहे हैं.

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