रेल मंत्री सुरेश प्रभु (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने गुरुवार को कहा कि तेजी से सशक्त बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए सरकार ने कुछ सालों में 16,500 किलोमीटर रेलमार्ग के दोहरीकरण व तिहरीकरण की योजना बनायी है जबकि पिछले 70 सालों में महज 22,000 किलोमीटर रेललाइन का ही दोहरीकरण एवं तिहरीकरण हो पाया. रेल मंत्री ने एसोचैम के एक कार्यक्रम के मौके पर कहा, ‘‘हमने बहुत तेज गति से बुनियादी ढांचा तैयार करने का फैसला किया है. अगले कुछ सालों में 16,500 किलोमीटर रेल मार्ग का दोहरीकरण एवं तिहरीकरण होगा जबकि 70 साल में महज 22,000 किलोमीटर रेल लाइन पर ही यह काम हो पाया.’’
प्रभु ने कहा कि रेलवे यातायात के निर्बाध रूप से गतिशील रहने के लिए रेलवे बुनियादी ढांच में निवेश कर रहा है ताकि जीएसटी पासा पलटने वाला साबित हो और वस्तुओं की ढुलाई निर्बाध हो. उन्होंने कहा, ‘‘अब तक केवल 42% विद्युतीकरण ही हुआ है जो अगले पांच सालों में दोगुना हो जाएगा.’’
रेल मंत्री ने कहा, ‘‘हम निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ 100 माल वहन टर्मिनल बना रहे हैं ताकि अधिक से अधिक माल परिवहन का काम रेलवे की तरफ आकर्षित हो.’’ उन्होंने कहा कि रेलवे की ऊर्जा बिल में 41,000 करोड़ रुपये बचत करने की योजना है जिसमें से उसने 10 प्रतिशत पहले ही बचत कर ली है.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
प्रभु ने कहा कि रेलवे यातायात के निर्बाध रूप से गतिशील रहने के लिए रेलवे बुनियादी ढांच में निवेश कर रहा है ताकि जीएसटी पासा पलटने वाला साबित हो और वस्तुओं की ढुलाई निर्बाध हो. उन्होंने कहा, ‘‘अब तक केवल 42% विद्युतीकरण ही हुआ है जो अगले पांच सालों में दोगुना हो जाएगा.’’
रेल मंत्री ने कहा, ‘‘हम निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ 100 माल वहन टर्मिनल बना रहे हैं ताकि अधिक से अधिक माल परिवहन का काम रेलवे की तरफ आकर्षित हो.’’ उन्होंने कहा कि रेलवे की ऊर्जा बिल में 41,000 करोड़ रुपये बचत करने की योजना है जिसमें से उसने 10 प्रतिशत पहले ही बचत कर ली है.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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