कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह सुभाष चंद्र बोस जासूसी मामले में नया पेच लेकर सामने आए हैं। उनका कहना है कि जवाहर लाल नेहरू पर ये आरोप ग़लत है कि उन्होंने बोस के परिवार की जासूसी कराई थी।
उनके मुताबिक़ उस समय शालमरी आश्रम के बाबा को लेकर पड़ताल कराई गई थी जिसके बारे में ये शक जताया जा रहा था कि कहीं वही सुभाष चंद्र बोस तो नहीं। अपने इस दावे को दम देने के लिए दिग्विजय सिंह ने पश्चिम बंगाल के इंटेलिजेंस ब्रांच के डायरेक्टर ऑफिस की एक रिपोर्ट भी पेश किया है।
आईबी नंबर 35434(2) तारीख़ 23-9-1964 की इस रिपोर्ट में शालमरी आश्रम और वहां आने जाने वालों का ज़िक्र है। ये रिपोर्ट डिप्टी सुपरिटेंडेंट की तरफ से अटेस्ट किया गया है। ज़ाहिर है बोस और उनके परिवार की जासूसी को लेकर घिरी कांग्रेस मोदी सरकार के आरोपों को झुठलाने की कोशिश में है।
इसी सिलसिले में दिग्विजय सिंह अपनी तरफ से कोशिश कर रहे हैं। बोस के परिवारों की इस मांग पर कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़े सारे दस्तावेज़ सार्वजनिक किए जाएं, दिग्विजय सिंह का कहना है कि कांग्रेस भी इस मांग का समर्थन करती है। सरकार की नीयत में खोट नहीं है तो वो सारे दस्तावेज़ सार्वजनिक करे।
नेहरू के बचाव के साथ-साथ दिग्विजय सिंह ने बीजेपी और संघ पर हमला भी किया है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मौत पर सवाल उठाते हुए उनका कहना है कि मौत किन परिस्थितियों में हुई इसकी जांच होनी चाहिए।
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