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This Article is From Nov 27, 2015

संविधान में नेहरू का भी योगदान, उनकी अनदेखी 'असहनशीलता' : राज्‍यसभा में बोले गुलाम नबी आजाद

संविधान में नेहरू का भी योगदान, उनकी अनदेखी 'असहनशीलता' : राज्‍यसभा में बोले गुलाम नबी आजाद
फोटो- राज्‍यसभा में बोलते गुलाम नबी आजाद...
नई दिल्‍ली: राज्‍यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने सरकार पर 'बांटो और राज करो' की नीति अपनाकर चलने का आरोप लगाया। उन्‍होंने इस दौरान संविधान निर्माण के रूप में अन्‍य नेताओं के योगदान की चर्चा न किए जाने पर भी नाराजगी जाहिर की।

उनके भाषण की मुख्‍य बातें...
  • डॉ. अंबेडकर को अपने जीवन में छुआछूत का सामना करना पड़ा।
  • अंबेडकर महात्‍मा गांधी के बाद बड़े समाज सुधारक थे।
  • डॉ. अंबेडकर न केवल देश, बल्कि विश्‍व के बड़े अर्थशास्त्रियों में से एक थे।
  • अमीर और गरीब के बीच फासले को कम करने के लिए डॉ. अंबेडकर ने हमें संविधान दिया।
  • कितनी खुशी होती अगर सरकार की तरफ से उन तमाम नेताओं को भी याद किया जाता, जिन्‍होंने संविधान बनाने में योगदान दिया।
  • संविधान निर्माण में पंडित जवाहर लाल नेहरू की सरकार ने कोई चर्चा नहीं की।
  • संविधान निर्माण में पं. नेहरू के योगदान की अनदेखी करना अहनशीलता है।
  • डॉ. अंबेडकर को सरकार ढाल बना रही है।
  • बीजेपी की नजर कहीं और, निशाना कहीं और है।
  • इतिहास को बदलने की साजिश की जा रही है।
  • हमारे नेताओं ने देश की आजादी के लिए जंग लड़ी।
  • आजादी के वक्‍त से ही हमारी संविधान में आस्‍था थी।
  • दूसरों से लीडर छीनने की कोशिश की जा रही है।
  • अंबेडकर हो या पटेल, ये देश की संपत्ति हैं।
  • सरकार बांटों और राज करो की नीति पर चल रही है।
  • लोकतंत्र की स्‍थापना में संविधान का बड़ा योगदान है।

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