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This Article is From Aug 22, 2018

सरकारी तेल कंपनियां जुटा रहीं जाति-धर्म और चुनाव क्षेत्र का डाटा, न देने पर डीलर्स को सप्लाई बंद करने की धमकी

पेट्रोलियम मंत्रालय दस लाख से ज्यादा कर्मियों का निजी निजी डाटा  जुटाने को लेकर विवादों में फंस गया है.

सरकारी तेल कंपनियां जुटा रहीं जाति-धर्म और चुनाव क्षेत्र का डाटा, न देने पर डीलर्स को सप्लाई बंद करने की धमकी
लाखों कर्मियों का निजी डाटा मांगे जाने पर सरकारी तेल कंपनियों से पेट्रोलियम डीलर्स ने एतराज जताया है.(प्रतीकात्मक तस्वीर).
नई दिल्ली: जिस वक्त देश में निजता के अधिकार को लेकर बहस छिड़ी है, उसी वक्त पेट्रोलियम मंत्रालय दस लाख से ज्यादा कर्मियों का निजी निजी डाटा  जुटाने को लेकर विवादों में फंस गया है. मंत्रालय ने तेल कंपनियों के जरिए पेट्रोल पंप डीलर्स से उनके कर्मियों की जाति-धर्म और निर्वाचन क्षेत्र जैसी जानकारियां मांगी हैं.आरोप है कि एतराज जताने पर कंपनियों की ओर से तेल सप्लाई बंद करने की धमकी दी जा रही है.

हालांकि सरकार ने दावा किया है कि ये जानकारियां स्किल डेवलपमेंट स्कीम के लिए मांगी गई हैं, ताकि कर्मियों को ट्रेनिंग दी जा सके. जबकि डीलर्स ने इन जानकारियों को बेहद निजी बताते हुए कोर्ट जाने की चेतावनी दी है. डीलर्स का कहना है कि डाटा देने का विरोध करने पर कंपनियां तरह-तरह की धमकी दे रहीं हैं.कहा जा रहा है कि सरकार दस लाख कर्मियों को डेटा जुटाकर स्कीम के आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना चाहती है, वहीं इसके जरिए राजनीतिक हित भी साधने की तैयारी है.
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छह जून को तीन सार्वजनिक तेल कंपनियों की ओर से जारी पत्र एनडीटीवी के पास है.  पत्र में हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड, इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड और भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड ने देश भर के 59 हजार से अधिक पेट्रोलियम डीलर्स से कहा है कि वे अपने यहां कार्यरत लोगों की जानकारियां भेजें.बताया गया की यह डेटा प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के लिए लिया जा रहा. पत्र में कहा गया है कि डाटा देने के बाद कर्मचारियों को औपचारिक प्रमाणपत्र भी जारी होगा, जो वह अपने करियर के दौरान प्रयोग कर सकते हैं. हालांकि पत्र में आधार कार्ड, धर्म-जाति और निर्वाचन क्षेत्र के बारे में मांगी गई जानकारियों के बारे में स्पष्ट नहीं बताया गया है. 

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उधर इस मसले का कंसोर्टियम ऑफ इंडियन पेट्रोलियम डीलर्स(सीआइपीडी) ने डाटा मांगे जाने का विरोध करते हुए 11 जून को तीनों कंपनियों को पत्र लिखा है. पत्र में कहा है कि निजी जानकारियों की मांग करना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.कंपनी के जनरल सेक्रेटरी के सुरेश कुमार ने एनडीटीवी से कहा-"ऐसी निजी जानकारियां नियोक्ता और कर्मचारियों के बीच सुरक्षित रहनीं चाहिए।गोपनीयता की गरिमा बरकरार रखने के लिए हमने तेल कंपनियों को ऐसी जानकारियां देने से इन्कार किया है."

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डीलर्स का दावा है कि डाटा न देने की स्थिति में तेल कंपनियों ने आपूर्ति बाधित रने की चेतावनी दी है.एनडीटीवी के पास इंडियन ऑयल के सेल्स अफसर आशीष जैन का पेट्रोलियम डीलर्स को भेजा एक मैसेज है, जिसमें उन्होंने लिखा है-अगर कल सात बजे तक जानकारियां नहीं मिलीं तो मैं इस सोमवार से सप्लाई बंद कर दूंगा।जब एनडीटीवी ने आशीष जैन को फोन किया तो उन्होंने ऐसा कोई संदेश भेजने की बात न स्वीकार की और न ही खंडन किया.

 

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