पर कतरने की तैयारी! अलगाववादियों को मिलने वाली सुविधाओं की समीक्षा करेगी सरकार

पर कतरने की तैयारी! अलगाववादियों को मिलने वाली सुविधाओं की समीक्षा करेगी सरकार

सैयद अली शाह गिलानी ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार कर दिया था

खास बातें

  • अलगाववादियों की विदेश यात्राओं व अन्‍य सुविधाओं में कटौती पर हो रहा विचार
  • अशांति फैलाने वाले तत्वों से कड़ाई से निपटने पर भी विचार हो रहा विचार
  • अलगाववादियों को मिल रहे सिक्योरिटी कवर को भी वापस लेने पर विचार
नई दिल्ली:

सरकार अलगाववादियों को दी जाने वाली सुरक्षा और दूसरी सुविधाओं में कटौती कर सकती है. इस बारे में मंगलवार दिन भर संकेत मिलते रहे. दिन भर जारी बैठकों के बाद सरकार बुधवार सुबह होने वाली सर्वदलीय बैठक में अपना पक्ष स्पष्ट करेगी.

सरकार की कोशिश अपने फैसलों पर विपक्ष को रज़ामंद करने की होगी. कश्मीर को लेकर पहले केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सुबह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ करीब एक घंटे तक बातचीत की. गृह मंत्री ने प्रधानमंत्री को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के जम्मू कश्मीर दौरे को लेकर सारे हालात से अवगत करवाया.

इसके बाद शाम को गृह मंत्री राजनाथ सिंह के घर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जीतेंद्र सिंह और बीजेपी महासचिव राममाधव की बैठक शुरू हुई. बैठक में गृहसचिव और आईबी के प्रमुख भी मौजूद थे. सरकार कश्मीर के अलगाववादियों की विदेश यात्राओं, सुरक्षा और चिकित्सा संबंधी सुविधाओं में कटौती जैसे कदम उठाने पर विचार कर रही है. इतना ही नहीं सरकार जम्मू एवं कश्मीर के अलगाववादियों को मिल रहे सिक्योरिटी कवर को भी वापस लेने पर विचार कर रही है.

बीजेपी के महासचिव राम माधव ने कहा कि बैठक में कश्मीर को लेकर तमाम पहलुओं पर विचार विमर्श किया गया. बुधवार को सर्वदलीय बैठक में इस बारे में अंतिम निर्णय लिया जाएगा. अलगाववादियों को मिलने वाली सुविधाओं की वापसी पर पूछे गए सवाल पर राम माधव ने कहा कि तमाम चीज़ों की समीक्षा की जा रही है.

मंगलवार को गृह मंत्री ने दिन भर बुधवार सुबह होने वाली सर्वदलीय बैठक की तैयारियां की. समझा जाता है कि अलगाववादियों के प्रति अपने रुख़ को सरकार सर्वदलीय बैठक में रखेगी. इसके अलावा राज्य में अशांति फैलाने वाले तत्वों से कड़ाई से निपटने पर भी विचार हो रहा है. हलांकि विपक्षी दलों, ख़ासकर जेडी(यू) नेता शरद यादव का मानना है कि सरकार को अगर कश्मीर में अमन चैन लाना है तो उसे हुर्रियत सहित तमाम पक्षों से बातचीत करनी चाहिए. ग़ौरतलब है कि सैयद अली शाह गिलानी ने शरद यादव के आने पर अपने दरवाज़े नहीं खोले थे.

हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर में हिंसा के दो महीने के दौर में मरने वालों का आंकड़ा 75 के पार हो गया है और हालात जस के तस बने हैं.


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