यह ख़बर 29 जून, 2012 को प्रकाशित हुई थी

सरकार ने उल्फा से की शांति वार्ता, मांगों पर चर्चा

खास बातें

  • असम में शांति कायम करने के उद्देश्य से केन्द्र ने आज उल्फा से वार्ता की और तीन दशक पुरानी उग्रवाद की समस्या के स्थायी समाधान के लिए संगठन की मांगों पर चर्चा की।
नई दिल्ली:

असम में शांति कायम करने के उद्देश्य से केन्द्र ने आज उल्फा से वार्ता की और तीन दशक पुरानी उग्रवाद की समस्या के स्थायी समाधान के लिए संगठन की मांगों पर चर्चा की।

केन्द्रीय गृहसचिव आरके सिंह के नेतृत्व में शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने छह सदस्यीय उल्फा प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। उल्फा प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उसके अध्यक्ष अरविन्द राजखोवा ने किया। दोनों पक्षों ने उल्फा के मांगपत्र पर बातचीत की।

सिंह ने बैठक के बाद कहा कि उल्फा के साथ बातचीत सार्थक रही। हमने 12 सूत्री मांगपत्र पर चर्चा की।

गृहमंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि दो घंटे से अधिक चली बातचीत के दौरान दोनों पक्षों द्वारा संघर्षविराम के नियमों के अनुपालन, हथियार एवं गोला बारूद सौंपने और वार्ता समर्थक गुट के खिलाफ सुरक्षाबलों की कार्रवाई पूरी तरह बंद करने के बारे में बातचीत हुई।

राजखोवा ने बताया कि उल्फा नेताओं ने अवैध आव्रजन, असम के लोगों को संवैधानिक सुरक्षा और बाढ़ की समस्या के स्थायी समाधान के बारे में बात की है।

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सूत्रों ने बताया कि उल्फा नेताओं ने अपने महासचिव अनूप चेटिया को भारत लाने में सरकार से मदद मांगी है। इस समय चेटिया बांग्लादेश की ढाका जेल में बंद है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार उल्फा नेताओं को चेटिया से मुलाकात के लिए बांग्लादेश जाने की अनुमति दे।