नई दिल्ली:
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) शुक्रवार आधी रात 12 बजे (1 जुलाई) से लागू हो गया. एक देश-एक टैक्स के दावे के साथ सरकार द्वारा संसद भवन के सेंट्रल हॉल में आयोजित खास समारोह में जीएसटी का मेगा लॉन्च हुआ. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मध्यरात्रि में घंटा बजाए जाने के साथ जीएसटी देशभर में लागू हो गया.
प्रधानमंत्री ने इस महत्वपूर्ण कर सुधार की तुलना आजादी से करते हुए कहा कि यह देश के आर्थिक एकीकरण में महत्वपूर्ण उपलब्धि है. वहीं, संसद के केंद्रीय कक्ष में हुई विशेष बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसे ऐतिहासिक क्षण करार दिया और कहा कि यह कराधान के क्षेत्र में एक नया युग है जोकि केंद्र एवं राज्यों के बीच बनी व्यापक सहमति का परिणाम है.
इस अवसर पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व पीएम एच डी देवेगौडा समेत सभी कैबिनेट मंत्री एवं दिग्गज संसद के सेंट्रल हॉल में मौजूद रहे.
संसद के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में आजादी सहित यह चौथा ऐसा मौका है, जब मध्यरात्रि के समय कोई कार्यक्रम हुआ. 14 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि के अलावा, 1972 में स्वतंत्रता की रजत जयंती और 1997 में स्वर्ण जयंती के अवसर पर ऐसे कार्यक्रम हुए थे.
इस अवसर पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि 'ये एक ऐतिहासिक मौका है. कुछ देर में हम एक नई टैक्स व्यवस्था को अपनाएंगे. यह मौका व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए बेहद खास है. जीएसटी को लेकर पूरा विश्वास था. जीएसटी के लिए काउंसिल को बधाई देता हूंं. जीएसटी से निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी. जीएसटी से टैक्स व्यवस्था पारदर्शी होगी. शुरुआत में कुछ परेशानियां आ सकती हैं, लेकिन जीएसटी से बहुत बड़ा बदलाव आएगा'.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 'राष्ट्र के निर्माण में कुछ ऐसे पल आते हैं, जिस पर हम किसी नए मोड़ पर जाते हैं, नए मुकाम की ओर पहुंचने का प्रयास करते हैं. आज इस मध्यरात्रि के समय हम सब मिलकर देश का आगे का मार्ग सुनिश्चित करने जा रहे हैं. कुछ देर बाद देश एक नई व्यवस्था की ओर चल पड़ेगा. सवा सौ करोड़ देशवासी इस ऐतिहासिक घटना के साक्षी हैं. जीएसटी की यह प्रकिया सिर्फ अर्थव्यवस्था के दायरे तक ही सीमित नहीं है. यह किसी एक दल की सिद्धी नहीं है, बल्कि ये हम सभी की सांझी विरासत है. आज वर्षों के बाद एक नई अर्थव्यवस्था के लिए जीएसटी के रूप में संसद जैसे पवित्र स्थान से बढ़कर ओर कोई जगह नहीं हो सकती थी.'
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि 'जीएसटी लंबी विचार प्रकिया का परिणाम है. संसद में सभी पूववर्ती सांसदों ने लगातार इस पर लंबी बहस की है. इसी का परिणाम है कि आज जीएसटी को हम साकार रूप में देख पाए हैं. संविधान ने पूरे देश के नागरिकों को समान अवसर-अधिकार देने के लिए सुनिश्चित व्यवस्था खड़ी कर दी थी. मैं जीएसटी काउंसिल को बधाई देता हूं और इस प्रकिया को जिन-जिन लोगों ने आगे बढ़ाया, मैं उन सभी को बधाई देता हूं. जीएसटी काउंसिल की 18वीं बैठकें हुईं और गीता के भी 18 अध्याय हैं'.
पीएम ने कहा कि 'जीएसटी के जरिये आर्थिक एकीकरण का काम हुआ है. जीएसटी से 500 तरह के टैक्सों की मुक्ति मिल गई है. जीएसटी के कारण आज अनेक तरह के टैक्सों की कन्फ्यूजन से मुक्ति मिल रही है. जीएसटी ज्यादा सरल और ज्यादा पारदर्शी है. गरीबों के हित के लिए यह सबसे सार्थक व्यवस्था है. आम लोगों पर नई व्यवस्था का बोझ नहीं पड़ेगा. छोटे कारोबारियों को भी परेशानियों से मुक्ति मिलेगी'.
पीएम मोदी ने कहा कि 'जो लोग आशंकाएं करते हैं, वो कृपया ऐसा न करें. जीएसटी से निर्यात बढ़ेगा. भारत के साथ कारोबार करना भी आसान होगा. जीएसटी से सभी राज्यों को आगे बढ़ने के मौके मिलेंगे. जीएसटी का फायदा आने वाली पीढि़यों को मिलेगा. न्यू इंडिया का सपना लेकर हम चल पड़े हैं, जीएसटी इसमें महत्वूपर्ण भूमिका अदा करेगा. जीएसटी न्यू इंडिया और डिजिटल भारत की एक नई टैक्स व्यवस्था है. जीएसटी सिर्फ एक टैक्स रिफॉर्म नहीं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक रिफॉर्म का भी जरिया है'.
प्रधानमंत्री ने कहा कि, हकीकत में यह 'गुड एंड सिंपल टैक्स' है. गुड इसलिए क्योंकि टैक्स पर टैक्स से मुक्ति मिलेगी और सिंपल इसलिए कि अब सिर्फ एक टैक्स होगा.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने समारोह में उद्घाटन भाषण में शामिल सभी दिग्गजों का स्वागत करते हुए कहा कि 'हम जीएसटी लॉन्च करके इतिहास रचने जा रहे हैं. भारत नई विकास यात्रा की शुरुआत करेगा. जीएसटी न्यू इंडिया की शुरुआत करेगा, जिसका लक्ष्य एक राष्ट्र-एक कर होगा'. जेटली ने आगे कहा, 'जीएसटी में केंद्र और राज्य मिलकर काम करेंगे. हम संविधान में संशोधन करके जीएसटी लाए हैं. हम संसद के सभी सदस्यों, राज्यों, राज्यों के वित्त मंत्रियों और इसके लिए कार्य करने वाले सभी लोगों का धन्यवाद देते हैैं. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जीएसटी की इस यात्रा के सबसे बड़े गवाह हैं. 2006 के बजट में यूपीए सरकार ने घोषणा की थी कि इसे 2010 तक लागू किया जाएगा. जीएसटी काउंसिल 18 बार बैठ चुकी है. जीएसटी से राज्यों के अधिकारों का हनन नहीं होगा. हर बार आम राय से फैसले लिए गए'.
वित्त मंत्री ने कहा कि, सारे टैक्स खत्म, अब सिर्फ एक टैक्स होगा. अब सिर्फ एक रिटर्न जाएगा. टैक्स के ऊपर टैक्स न लगना जीएसटी की विशेषता है.
इस अवसर पर संसद के सेंट्रल हॉल में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बगल में पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार एक साथ बैठे दिखे. हालांकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस, लेफ्ट, टीएमसी, आरजेडी, आम आदमी पार्टी इसमें शामिल नहीं हुए. समाजवादी पार्टी समारोह में शामिल हुई.
जीएसटी के खास बिंदु...
-वस्तुओं और सेवाओं पर पूरे देश में एक समान टैक्स
-5%, 12%, 18%, 28% की चार बड़ी श्रेणियां
-अल्कोहल जीएसटी के दायरे से बाहर
-तेल से जुड़े उत्पाद भी जीएसटी के दायरे से बाहर
-उत्पादन से बिक्री तक हर चरण पर टैक्स
-लेकिन हर चरण में घटता जाएगा पिछला टैक्स
-ग्राहकों पर कुल टैक्स के बोझ में कमी
-केंद्रीय जीएसटी, राज्य जीएसटी और समग्र जीएसटी- कुल तीन स्तर
-कारोबारियों को हर महीने भरना होगा रिटर्न
-20 लाख तक के सालाना कारोबार पर जीएसटी नहीं
जीएसटी की तैयारी
-80 लाख करदाता नई व्यवस्था से जुड़ेंगे
-जीएसटी से जुड़े 66 लाख करदाता
-64,000 अधिकारियों को अब तक ट्रेनिंग
-सारी फ़ाइलिंग ऑनलाइन ही होगी
-25 बैंकपोर्टल से जुड़े
प्रधानमंत्री ने इस महत्वपूर्ण कर सुधार की तुलना आजादी से करते हुए कहा कि यह देश के आर्थिक एकीकरण में महत्वपूर्ण उपलब्धि है. वहीं, संसद के केंद्रीय कक्ष में हुई विशेष बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसे ऐतिहासिक क्षण करार दिया और कहा कि यह कराधान के क्षेत्र में एक नया युग है जोकि केंद्र एवं राज्यों के बीच बनी व्यापक सहमति का परिणाम है.
इस अवसर पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व पीएम एच डी देवेगौडा समेत सभी कैबिनेट मंत्री एवं दिग्गज संसद के सेंट्रल हॉल में मौजूद रहे.
संसद के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में आजादी सहित यह चौथा ऐसा मौका है, जब मध्यरात्रि के समय कोई कार्यक्रम हुआ. 14 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि के अलावा, 1972 में स्वतंत्रता की रजत जयंती और 1997 में स्वर्ण जयंती के अवसर पर ऐसे कार्यक्रम हुए थे.
इस अवसर पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि 'ये एक ऐतिहासिक मौका है. कुछ देर में हम एक नई टैक्स व्यवस्था को अपनाएंगे. यह मौका व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए बेहद खास है. जीएसटी को लेकर पूरा विश्वास था. जीएसटी के लिए काउंसिल को बधाई देता हूंं. जीएसटी से निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी. जीएसटी से टैक्स व्यवस्था पारदर्शी होगी. शुरुआत में कुछ परेशानियां आ सकती हैं, लेकिन जीएसटी से बहुत बड़ा बदलाव आएगा'.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 'राष्ट्र के निर्माण में कुछ ऐसे पल आते हैं, जिस पर हम किसी नए मोड़ पर जाते हैं, नए मुकाम की ओर पहुंचने का प्रयास करते हैं. आज इस मध्यरात्रि के समय हम सब मिलकर देश का आगे का मार्ग सुनिश्चित करने जा रहे हैं. कुछ देर बाद देश एक नई व्यवस्था की ओर चल पड़ेगा. सवा सौ करोड़ देशवासी इस ऐतिहासिक घटना के साक्षी हैं. जीएसटी की यह प्रकिया सिर्फ अर्थव्यवस्था के दायरे तक ही सीमित नहीं है. यह किसी एक दल की सिद्धी नहीं है, बल्कि ये हम सभी की सांझी विरासत है. आज वर्षों के बाद एक नई अर्थव्यवस्था के लिए जीएसटी के रूप में संसद जैसे पवित्र स्थान से बढ़कर ओर कोई जगह नहीं हो सकती थी.'
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि 'जीएसटी लंबी विचार प्रकिया का परिणाम है. संसद में सभी पूववर्ती सांसदों ने लगातार इस पर लंबी बहस की है. इसी का परिणाम है कि आज जीएसटी को हम साकार रूप में देख पाए हैं. संविधान ने पूरे देश के नागरिकों को समान अवसर-अधिकार देने के लिए सुनिश्चित व्यवस्था खड़ी कर दी थी. मैं जीएसटी काउंसिल को बधाई देता हूं और इस प्रकिया को जिन-जिन लोगों ने आगे बढ़ाया, मैं उन सभी को बधाई देता हूं. जीएसटी काउंसिल की 18वीं बैठकें हुईं और गीता के भी 18 अध्याय हैं'.
पीएम ने कहा कि 'जीएसटी के जरिये आर्थिक एकीकरण का काम हुआ है. जीएसटी से 500 तरह के टैक्सों की मुक्ति मिल गई है. जीएसटी के कारण आज अनेक तरह के टैक्सों की कन्फ्यूजन से मुक्ति मिल रही है. जीएसटी ज्यादा सरल और ज्यादा पारदर्शी है. गरीबों के हित के लिए यह सबसे सार्थक व्यवस्था है. आम लोगों पर नई व्यवस्था का बोझ नहीं पड़ेगा. छोटे कारोबारियों को भी परेशानियों से मुक्ति मिलेगी'.
पीएम मोदी ने कहा कि 'जो लोग आशंकाएं करते हैं, वो कृपया ऐसा न करें. जीएसटी से निर्यात बढ़ेगा. भारत के साथ कारोबार करना भी आसान होगा. जीएसटी से सभी राज्यों को आगे बढ़ने के मौके मिलेंगे. जीएसटी का फायदा आने वाली पीढि़यों को मिलेगा. न्यू इंडिया का सपना लेकर हम चल पड़े हैं, जीएसटी इसमें महत्वूपर्ण भूमिका अदा करेगा. जीएसटी न्यू इंडिया और डिजिटल भारत की एक नई टैक्स व्यवस्था है. जीएसटी सिर्फ एक टैक्स रिफॉर्म नहीं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक रिफॉर्म का भी जरिया है'.
प्रधानमंत्री ने कहा कि, हकीकत में यह 'गुड एंड सिंपल टैक्स' है. गुड इसलिए क्योंकि टैक्स पर टैक्स से मुक्ति मिलेगी और सिंपल इसलिए कि अब सिर्फ एक टैक्स होगा.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने समारोह में उद्घाटन भाषण में शामिल सभी दिग्गजों का स्वागत करते हुए कहा कि 'हम जीएसटी लॉन्च करके इतिहास रचने जा रहे हैं. भारत नई विकास यात्रा की शुरुआत करेगा. जीएसटी न्यू इंडिया की शुरुआत करेगा, जिसका लक्ष्य एक राष्ट्र-एक कर होगा'. जेटली ने आगे कहा, 'जीएसटी में केंद्र और राज्य मिलकर काम करेंगे. हम संविधान में संशोधन करके जीएसटी लाए हैं. हम संसद के सभी सदस्यों, राज्यों, राज्यों के वित्त मंत्रियों और इसके लिए कार्य करने वाले सभी लोगों का धन्यवाद देते हैैं. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जीएसटी की इस यात्रा के सबसे बड़े गवाह हैं. 2006 के बजट में यूपीए सरकार ने घोषणा की थी कि इसे 2010 तक लागू किया जाएगा. जीएसटी काउंसिल 18 बार बैठ चुकी है. जीएसटी से राज्यों के अधिकारों का हनन नहीं होगा. हर बार आम राय से फैसले लिए गए'.
वित्त मंत्री ने कहा कि, सारे टैक्स खत्म, अब सिर्फ एक टैक्स होगा. अब सिर्फ एक रिटर्न जाएगा. टैक्स के ऊपर टैक्स न लगना जीएसटी की विशेषता है.
इस अवसर पर संसद के सेंट्रल हॉल में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बगल में पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार एक साथ बैठे दिखे. हालांकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस, लेफ्ट, टीएमसी, आरजेडी, आम आदमी पार्टी इसमें शामिल नहीं हुए. समाजवादी पार्टी समारोह में शामिल हुई.
जीएसटी के खास बिंदु...
-वस्तुओं और सेवाओं पर पूरे देश में एक समान टैक्स
-5%, 12%, 18%, 28% की चार बड़ी श्रेणियां
-अल्कोहल जीएसटी के दायरे से बाहर
-तेल से जुड़े उत्पाद भी जीएसटी के दायरे से बाहर
-उत्पादन से बिक्री तक हर चरण पर टैक्स
-लेकिन हर चरण में घटता जाएगा पिछला टैक्स
-ग्राहकों पर कुल टैक्स के बोझ में कमी
-केंद्रीय जीएसटी, राज्य जीएसटी और समग्र जीएसटी- कुल तीन स्तर
-कारोबारियों को हर महीने भरना होगा रिटर्न
-20 लाख तक के सालाना कारोबार पर जीएसटी नहीं
जीएसटी की तैयारी
-80 लाख करदाता नई व्यवस्था से जुड़ेंगे
-जीएसटी से जुड़े 66 लाख करदाता
-64,000 अधिकारियों को अब तक ट्रेनिंग
-सारी फ़ाइलिंग ऑनलाइन ही होगी
-25 बैंकपोर्टल से जुड़े
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