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पीड़ित के माता-पिता ने आरोप लगाया कि यौन उत्पीड़न के बाद स्कूल के शिक्षकों ने उनकी बेटी का कपड़ा धो दिया, उसे नहलाया और शौचालय को साफ कर दिया।
पीड़ित के माता-पिता ने आरोप लगाया कि यौन उत्पीड़न के बाद स्कूल के शिक्षकों ने उनकी बेटी का कपड़ा धो दिया, उसे नहलाया और शौचालय को साफ कर दिया। पीड़ित के माता-पिता ने आरोप लगाया कि खून से सने हुए कपड़ों को धोकर, उसे नहलाकर और जहां पर यह घटना हुई थी, उस शौचालय को साफकर उन्होंने साक्ष्य को मिटाने का प्रयास किया।
सात-वर्षीय बच्ची के पिता ने दावा किया कि यह सब काम पुलिस को सूचना दिए जाने से पहले ही कर लिया गया था। उन्होंने कहा कि उन्हें स्कूल से फोन आया, जिसमें बताया गया कि उनकी बेटी बीमार है। स्थानीय लोगों के प्रदर्शन के बाद स्कूल प्रबंधन ने बताया कि वे बच्चों के माता-पिता की बैठक बुलाकर अपने रुख को स्पष्ट करेंगे।
लड़की के पिता ने यह भी आरोप लगाया कि स्कूल प्रंबधन घटना को छिपाना चाहता है। पीड़ित के पिता ने कहा कि जब इस घटना की जानकारी सामने आई, तब स्कूल के गेट को बंदकर देना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। स्पष्ट रूप से स्कूल द्वारा इसकी अनदेखी की गई है और सबूत को नष्ट करने का प्रयास है। उन्होंने यह भी दावा किया कि एक शिक्षक ने उन्हें बताया कि जब वह लड़की को स्कूल के संचालिका के पास लेकर गए, उस समय उसका खून बह रहा था।
गौरतलब है कि पणजी से 40 किलोमीटर दूर वास्को शहर में 14 जनवरी को सात-वर्षीय एक बच्ची के साथ उसके स्कूल के शौचालय में बलात्कार किया गया था। पुलिस अभी तक अभियुक्त का पता नहीं लगा पाई है।
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