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नई दिल्ली: गाजियाबाद (Ghaziabad School Child Case) के मोदी नगर में चौथी क्लास में पढ़ने वाले एक स्कूली बच्चे की मौत ड्राइवर की लापरवाही से हो गई. इसके बाद बच्चे के माता-पिता ने ड्राइवर के खिलाफ मामला दर्ज कराया. प्रशासन से मदद की गुहार लगाई, लेकिन प्रशासन ने इस पीड़ित परिवार को मदद देने के बजाय धमकी दे दी. ऐसे वक्त में जहां पीड़ित परिवार के प्रति प्रशासन को संवेदनशील होना चाहिए वहां मोदी नगर की एसडीएम शुभांगी शुक्ला मृतक बच्चे के माता-पिता को बुरी तरह धमकाया.इस पूरे मामले का वीडियो वायरल हुआ. तब जाकर कहीं कार्रवाई की बात शुरू हुई.
महिला अधिकारी ने उंगली दिखाते हुए कहा कि बस! चुप (बस चुप रहो). एक सरकारी अधिकारी द्वारा असंवेदनशीलता का विचलित करने वाला वीडियो दिल्ली के पास मोदीनगर के एक पुलिस स्टेशन से सामने आया है, जहां कक्षा 4 के छात्र अनुराग भारद्वाज के शोक संतप्त माता-पिता गुरुवार को स्कूल में लापरवाही के लिए कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे.
बुधवार की सुबह अनुराग बस में स्कूल जा रहा था कि उसे मिचली आ रही थी और वह खिड़की से बाहर झुक गया. उसी समय चालक मुड़ गया और लड़का बिजली के पोल से जा टकराया. कथित तौर पर उनकी तत्काल मृत्यु हो गई, हालांकि ड्राइवर और एक अन्य बस स्टाफ को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन स्कूल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.
वीडियो में मोदीनगर की सब डिविजनल मजिस्ट्रेट शुभांगी शुक्ला अनुराग की मां नेहा भारद्वाज पर चिल्लाती नजर आ रही हैं, जो अपने पति, बेटी और अन्य बच्चों के माता-पिता के साथ जमीन पर बैठी हैं.
"तुम क्यों नहीं समझती? मैं तुम्हें चुप रहने के लिए कह रही हूं, अधिकारी शुक्ला माँ पर चिल्लाती हैं.
"क्या यह तुम्हारा बेटा था?" रोते हुए नेहा भारद्वाज का जवाब.
वह अधिकारी फिर से चिल्लाती हैं कि कितनी बार मुझे कोशिश करनी चाहिए और आपको कितनी बार समझाना चाहिए.
अपने मृत बच्चे का जिक्र करते हुए नेहा कहती हैं कि मैं काफी समझ चुकी हूं और वह अब चुप है.
घटना को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रिपोर्ट मांगी है और उन्होंने स्कूल, बस स्टाफ और परिवहन विभाग के खिलाफ कार्रवाई के अलावा स्कूल बसों की फिटनेस जांच के आदेश दिए हैं.मुख्यमंत्री ने परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, 'जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. अनुराग के माता-पिता का आरोप है कि स्कूल ने बस में मानक सावधानी नहीं बरती. उनका दावा है कि बस में बहुत सारे छात्र थे और निगरानी करने वाला कोई नहीं था. अनुराग की मां ने कथित तौर पर इसकी ड्राइवर से शिकायत की थी.