गरीब रथ (Garib Rath) ट्रेन पहले की तरह चलती रहेगी. इसमें ना ही किराया बढ़ाया जाएगा और ना ही कम्पोजीशन से ही कोई छेड़छाड़ होगी. एनडीटीवी की खबर का बड़ा असर हुआ है. नॉर्थन रेलवे की जिन दो ट्रेनों का कम्पोजीशन बदला गया था उसको फिर से 4 अगस्त से बहाल किया जाएगा. बता दें कि पहले खबर आई थी कि कम पैसे में एसी ट्रेन में सफर करने का सपना साकार करने वाली गरीब रथ ट्रेन का भविष्य संकट में है और रेल मंत्रालय इस ट्रेन को बंद करने की तैयारी में है. इस कड़ी में हफ्तेभर के भीतर दो गरीब रथ ट्रेनों के कम्पोजीशन भी बदल दिए गए थे.
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इससे पहले पूरी तरह से थर्ड एसी इस ट्रेन में स्लीपर कोच भी जोड़े गए थे और रेलवे ने भाड़ा भी बढ़ा दिया था. पटरी पर दौड़ती गरीब रथ ट्रेन को मंत्रालय बेपटरी करने की तैयारी में था. शुरुआत काठगोदाम से जम्मू और कानपुर सेंट्रल गरीब रथ से हो चुकी थी. उसके रेक बदले गए थे और पूरी तरह से थर्ड एसी ट्रेन में स्लीपर के डिब्बे भी जोड़ दिए गए थे.
इन दोनों गरीब रथ में महज़ 4 डिब्बे थर्ड एसी के रह गए थे और 7 डिब्बे स्लीपर के इसमें जोड़ दिये गए थे. जहां काठगोदाम से जम्मू का भाड़ा पहले 755 रुपये था उसको बढ़ाकर 1070 रुपये कर दिया गया था. वहीं काठगोदाम से कानपुर सेंट्रल गरीब रथ का भाड़ा जो 475 रुपये होता था उसको बढ़ाकर 675 रुपये कर दिया गया था.
ग़रीब रथ ट्रेनें जारी रखने का फ़ैसला करने के लिए Thank You @SureshAngadi_ जी thank you @RailMinIndia https://t.co/QOmOqSI7Ki pic.twitter.com/HBx2A4i76x
— Umashankar Singh (@umashankarsingh) July 19, 2019
नई दिल्ली रांची गरीब रथ में जब एनडीटीवी ने मुसाफिरों से बात की थी तो उनका दर्द साफ दिखा था. 52 साल की सुनीता शर्मा ने कहा था कि फिर राजधानी और गरीब रथ में फर्क ही क्या रहेगा. इसी ट्रेन में यात्रा कर रहे राहुल सिन्हा ने भी कम शब्दों में सवाल भी उठा दिया और पीड़ा भी बता दी. राहुल ने कहा, 'ये नाम से विपरीत होने जा रही है.'
2006 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने इसकी शुरुआत गरीबों को ध्यान में रख कर की थी. मक़सद गरीबों को कम पैसे में एसी ट्रेन की सुविधा देना था. फिलहाल इन ट्रेनों की तादाद 26 है. जब रेल राज्यमंत्री सुरेश अगड़ी से गरीब रथ ट्रेन को बंद करने को लेकर सवाल पूछा गया तो जवाब गोल गोल मिला और उन्होंने कहा था जब, जिसको जो सुविधा चाहिए वो दे रहे हैं. सबको एसी चाहिए सबको एसी दे रहे हैं. भारत बदल रहा है. भाड़े को लेकर कोई शिकायत नहीं मिली है. जब मिलेगी तो देखेंगे.
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