पूर्व केंद्रीय मंत्री ई अहमद को दिल का दौरा पड़ने पर अस्पताल ले जाया गया था, जहां उनका निधन हो गया.
नई दिल्ली:
पूर्व मंत्री और सांसद ई अहमद का आज निधन हो गया. वे 79 वर्ष के थे. ई अहमद को मंगलवार को दोपहर में संसद के सेंट्रल हाल में राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान दिल का दौरा पड़ा था. इसके बाद उन्हें राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती किया गया था. रात में सवा दो बजे उनका देहावसान हो गया.
अस्पताल प्रशासन ने देर रात में उनके निधन की घोषणा की और उनकी देह उनके परिजनों को सौंप दी. केरल की मलप्पुरम लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले अहमद पिछली संप्रग सरकार में विदेश राज्य मंत्री थे.
मंगलवार को संसद का बजट सत्र शुरू होते ही पूर्व केंद्रीय मंत्री ई अहमद बेहोश हो गए थे. उन्हें दिल का दौरा पड़ा था. ई अहमद मंगलवार को संसद में दोनों सदनों के संयुक्त सत्र में भाग लेने गए थे. इस सत्र को राष्ट्रपति ने संबोधित किया. इसी दौरान वे अस्वस्थ हो गए. सूत्रों के मुताबिक इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के अध्यक्ष अहमद को बेचैनी और सांस लेने में दिक्कत हुई थी. संसद कर्मियों ने उन्हें प्राथमिक चिकित्सा देने का प्रयास किया, लेकिन जब उनकी परेशानी जारी रही तो उन्हें राममनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचाया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी.
समाचार एजेंसी एएनआई ने ई अहमद के निधन की सूचना ट्वीट की है.
29 अप्रैल 1938 को जन्मे ई अहमद केरल में कन्नूर के निवासी थे. वे मनमोहन सिंह सरकार में विदेश राज्यमंत्री थे.
ई अहमद के निधन की सूचना मिलने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी मंगलवार को देर रात राममनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचीं थीं. उनके इस दौरे का मकसद सांसद और पूर्व मंत्री ई अहमद का हाल जानना था. सोनिया गांधी के साथ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, अहमद पटेल और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद भी थे. अस्पताल प्रशासन ने इन सभी नेताओं को ई अहमद को दखने की इजाजत नहीं दी थी. ई अहमद के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया था कि उन्हें अहमद से न तो मिलने दिया जा रहा है न ही उनके पास जाने दिया जा रहा है. संसद में बजट एक फरवरी को पेश होना है. शंका जताई जा रही थी कि बजट टालना न पड़े, इस उद्देश्य से कुछ छिपाया जा रहा है.
वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को अस्पताल में ई अहमद से न मिलने देने पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस पर कहा था कि यह सरकार का मनमाना रवैया है. सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने पूर्व केंद्रीय मंत्री के निकट रिश्तेदारों को उनसे मिलने या उनकी गंभीर स्थिति के बारे में जानने से रोक दिया. सूत्रों ने कहा कि अहमद के बेटे, बेटियां और दामाद अस्पताल में थे और अस्पताल के अधिकारियों से उनकी गरमागरम बहस भी हुई. केरल के कुछ सांसद भी देर रात तक अस्पताल में थे.
अस्पताल प्रशासन ने देर रात में उनके निधन की घोषणा की और उनकी देह उनके परिजनों को सौंप दी. केरल की मलप्पुरम लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले अहमद पिछली संप्रग सरकार में विदेश राज्य मंत्री थे.
मंगलवार को संसद का बजट सत्र शुरू होते ही पूर्व केंद्रीय मंत्री ई अहमद बेहोश हो गए थे. उन्हें दिल का दौरा पड़ा था. ई अहमद मंगलवार को संसद में दोनों सदनों के संयुक्त सत्र में भाग लेने गए थे. इस सत्र को राष्ट्रपति ने संबोधित किया. इसी दौरान वे अस्वस्थ हो गए. सूत्रों के मुताबिक इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के अध्यक्ष अहमद को बेचैनी और सांस लेने में दिक्कत हुई थी. संसद कर्मियों ने उन्हें प्राथमिक चिकित्सा देने का प्रयास किया, लेकिन जब उनकी परेशानी जारी रही तो उन्हें राममनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचाया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी.
समाचार एजेंसी एएनआई ने ई अहमद के निधन की सूचना ट्वीट की है.
IUML MP E Ahamed passes away, he was rushed to the hospital yesterday morning from Parliament during President's address. pic.twitter.com/wS0X4Pli6K
— ANI (@ANI_news) January 31, 2017
29 अप्रैल 1938 को जन्मे ई अहमद केरल में कन्नूर के निवासी थे. वे मनमोहन सिंह सरकार में विदेश राज्यमंत्री थे.
ई अहमद के निधन की सूचना मिलने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी मंगलवार को देर रात राममनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचीं थीं. उनके इस दौरे का मकसद सांसद और पूर्व मंत्री ई अहमद का हाल जानना था. सोनिया गांधी के साथ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, अहमद पटेल और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद भी थे. अस्पताल प्रशासन ने इन सभी नेताओं को ई अहमद को दखने की इजाजत नहीं दी थी. ई अहमद के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया था कि उन्हें अहमद से न तो मिलने दिया जा रहा है न ही उनके पास जाने दिया जा रहा है. संसद में बजट एक फरवरी को पेश होना है. शंका जताई जा रही थी कि बजट टालना न पड़े, इस उद्देश्य से कुछ छिपाया जा रहा है.
वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को अस्पताल में ई अहमद से न मिलने देने पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस पर कहा था कि यह सरकार का मनमाना रवैया है. सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने पूर्व केंद्रीय मंत्री के निकट रिश्तेदारों को उनसे मिलने या उनकी गंभीर स्थिति के बारे में जानने से रोक दिया. सूत्रों ने कहा कि अहमद के बेटे, बेटियां और दामाद अस्पताल में थे और अस्पताल के अधिकारियों से उनकी गरमागरम बहस भी हुई. केरल के कुछ सांसद भी देर रात तक अस्पताल में थे.
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