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This Article is From Jul 20, 2019

Sheila Dikshit Dies: दिल्‍ली की पूर्व मुख्‍यमंत्री और कांग्रेस नेता शीला दीक्षित का 81 वर्ष की उम्र में निधन

Sheila Dikshit Dies: शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च, 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ है. शीला दीक्षित ने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस से इतिहास में मास्टर डिग्री हासिल की.

Sheila Dikshit: शीला दीक्षित 15 साल तक लगातार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं.

नई दिल्‍ली:

कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) का शनिवार को 81 वर्ष की आयु में निधन (Sheila Dikshit Dies) हो गया है. वे लंबे समय से बीमार थीं और उनका एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था. पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि दीक्षित पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रही थीं और उन्हें शुक्रवार की सुबह सीने में जकड़न की शिकायत के बाद फोर्टिस-एस्कॉर्ट्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां दोपहर बाद तीन बजकर 55 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली. अस्पताल के डायरेक्टर अशोक सेठ ने कहा, 'डॉक्टरों की एक टीम ने शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) अच्छी तरह से देखभाल की थी. 3 बजकर15 मिनट उन्हें फिर से कार्डियक अरेस्ट हुआ. इसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था और दोपहर 3:55 बजे उनका निधन हो गया.'

शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) के निधन पर कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट किया, 'हमें शीला दीक्षित के निधन के बारे में सुनकर खेद है. आजीवन कांग्रेस की सदस्य और तीन बार दिल्ली के सीएम के रूप में रहकर उन्होंने दिल्ली का चेहरा बदल दिया. उनके परिवार और दोस्तों के प्रति हमारी संवेदना है. इस दुख की घड़ी में ईश्वर उन्हें सामर्थ्य प्रदान करें'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीला दीक्षित के निधन पर दुख व्‍यक्‍त करते हुए ट्वीट किया, 'शीला दीक्षित जी के निधन से गहरा दुख हुआ. वह एक जोशीले और मिलनसार व्यक्तित्व की धनीं थीं.  उन्होंने दिल्ली के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया है. उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना. ओम शांति.'

दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'अभी शीला दीक्षित जी के निधन के बारे में बेहद भयावह ख़बर मिली. यह दिल्ली के लिए बहुत बड़ी क्षति है और उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा. उनके परिवार के सदस्यों के प्रति मेरी ह्रदय से संवेदनाएं हैं. उनकीआत्मा को शांति मिले.'

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई अन्य नेताओं ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया है. शीला दीक्षित 1998 से 2013 के बीच 15 वर्षों तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं. राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी को फिर से खड़ा करने के मकसद से उन्हें कुछ महीने पहले ही दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था. रविवार को दोपहर 2:30 बजे निगम बोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. इस मौके पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और दूसरे दलों के नेताओं के भी मौजूद होने की उम्मीद है. उनका पार्थिव शरीर शनिवार शाम छह बजे से निजामुद्दीन स्थित उनके घर पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा.

बता दें इसी साल जनवरी में उन्हें दिल्ली में कांग्रेस की कमान सौंपकर अध्यक्ष बनाया गया था. इस बार उन्होंने उत्तर पूर्वी दिल्ली से चुनाव भी लड़ा था लेकिन वे चुनाव हार गईं थी.  1998 से 2013 तक मुख्यमंत्री  के रूप में 15 साल तक दिल्ली की सत्ता पर काबिज रहने वालीं शीला दीक्षित इससे पहले 1984 से 89 तक वे कन्नौज (उप्र) से सांसद रह चुकी हैं. इस दौरान वे लोकसभा की समितियों में रहने के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र में महिलाओं के आयोग में भारत की प्रतिनिधि रहीं. वह राजीव गांधी सरकार में केन्द्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं. शीला दीक्षित 1998 से 2013 तक लगातार 15 साल दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं. हालांकि, 2013 में आम आदमी पार्टी के उफान में शीला दीक्षित की सरकार बह गई. हालांकि, माना जाता है कि शीला दीक्षित की हार में एंटी इनकंबेंसी भी हावी रहा. इसके बाद वह 2014 में केरल की राज्यपाल भी रहीं.

शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च, 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ. शीला दीक्षित ने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस से इतिहास में मास्टर डिग्री हासिल की. उनका विवाह उन्नाव (यूपी) के आईएएस अधिकारी स्वर्गीय विनोद दीक्षित से हुआ था. विनोद कांग्रेस के बड़े नेता और बंगाल के पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय उमाशंकर दीक्षित के बेटे थे. शीलाजी एक बेटे और एक बेटी की मां हैं. उनके बेटे संदीप दीक्षित भी दिल्ली के सांसद रह चुके हैं. दरअसल, मिरांडा हाउस से पढ़ाई के दौरान ही उनकी राजनीति में रुचि थी.

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