रोपड़ में तैयार पुल
रोपर (पंजाब):
पंजाब में एक ब्रिज ऐसा है जहां पर लोग सुबह की वॉक करते हैं और मंजा और पतंग लेकर अपना पतंगबाज का शौक भी पूरा करते हैं। इस पुल को बनाने के लिए 64 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इसे तैयार हुए तीन महीने हो चुके हैं और सतलुज नदी पर बने इस पुल पर अभी आम आदमी चल नहीं सकता है। कारण यह है कि अभी तक कोई वीवीआईपी इसके उद्घाटन के लिए समय नहीं दे पाया है।
सूत्र बता रहे हैं कि इस पुल के उद्घाटन के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से बात की गई थी, लेकिन वह राज्य सरकार के अनुसार समय नहीं निकाल पाए।
बताया जा रहा है कि इस पुल के निर्माण से रोपड़ शहर जाने के लिए 9 किलोमीटर का फासला कम हो गया है। अब लोगों को यह बात सताने लगी है कि फिलहाल प्रयोग में लाए जा रही सड़क पर जाम की गहरी समस्या के बावजूद इस पुल को आम नागरिकों के लिए क्यों नहीं खोला जा रहा है।
लोगों का कहना है कि आम नागरिकों को इतनी समस्या हो रही है लेकिन प्रशासन लोगों की समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है। कई बार शिकायत भी की गई लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। पुरानी सड़क की हालत ठीक नहीं है, बच्चों को स्कूल जाने और मरीजों को अस्पताल ले जाने में तमाम तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, फिर भी कोई सुनवाई नहीं है।
इस पुल पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र में यूपीए के कार्यकाल में इस पुल के निर्माण के लिए राशि दी गई थी और अब अकाली-बीजेपी इसका श्रेय लेने की होड़ में लगे हैं।
कांग्रेस नेता कुलजीत सिंह नागरा का कहना है कि डॉ मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रित्व कार्यकाल में इस पुल के लिए ग्रांट जारी हुआ था। लोगों को पता है। लेकिन हमें इसका क्रेडिट नहीं लेना चाहते।
वहीं, सत्ताधारी दल की ओर से कहा जा रहा है कि पुल जल्द ही चालू हो जाएगा, लेकिन कब इस पर कोई सटीक उत्तर नहीं मिलता।
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि विपक्ष के पास कोई काम नहीं है और वह जनता के बीच भ्रम पैदा कर रहे हैं।
खैर जब तक पुल का उद्घाटन नहीं होता लोगों को दिक्कतों का सामना करना ही होगा।
सूत्र बता रहे हैं कि इस पुल के उद्घाटन के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से बात की गई थी, लेकिन वह राज्य सरकार के अनुसार समय नहीं निकाल पाए।
बताया जा रहा है कि इस पुल के निर्माण से रोपड़ शहर जाने के लिए 9 किलोमीटर का फासला कम हो गया है। अब लोगों को यह बात सताने लगी है कि फिलहाल प्रयोग में लाए जा रही सड़क पर जाम की गहरी समस्या के बावजूद इस पुल को आम नागरिकों के लिए क्यों नहीं खोला जा रहा है।
लोगों का कहना है कि आम नागरिकों को इतनी समस्या हो रही है लेकिन प्रशासन लोगों की समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है। कई बार शिकायत भी की गई लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। पुरानी सड़क की हालत ठीक नहीं है, बच्चों को स्कूल जाने और मरीजों को अस्पताल ले जाने में तमाम तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, फिर भी कोई सुनवाई नहीं है।
इस पुल पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र में यूपीए के कार्यकाल में इस पुल के निर्माण के लिए राशि दी गई थी और अब अकाली-बीजेपी इसका श्रेय लेने की होड़ में लगे हैं।
कांग्रेस नेता कुलजीत सिंह नागरा का कहना है कि डॉ मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रित्व कार्यकाल में इस पुल के लिए ग्रांट जारी हुआ था। लोगों को पता है। लेकिन हमें इसका क्रेडिट नहीं लेना चाहते।
वहीं, सत्ताधारी दल की ओर से कहा जा रहा है कि पुल जल्द ही चालू हो जाएगा, लेकिन कब इस पर कोई सटीक उत्तर नहीं मिलता।
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि विपक्ष के पास कोई काम नहीं है और वह जनता के बीच भ्रम पैदा कर रहे हैं।
खैर जब तक पुल का उद्घाटन नहीं होता लोगों को दिक्कतों का सामना करना ही होगा।
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