गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने वाले विनोद कुमार...
नई दिल्ली:
बचपन में मिल्खा सिंह की तरह एक धावक बनकर देश का नाम रोशन करने का सपना देखने वाले विनोद कुमार चौधरी आर्थिक तंगी की वजह से एक अच्छा धावक तो नहीं बन पाए लेकिन टाइपिंग में तीन बार “गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड” में अपना नाम दर्ज कराने में कामयाब हो गए हैं. दिल्ली के नांगोलई के रहने वाले 36 साल के विनोद कुमार चौधरी ने तीसरी बार गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड वर्ल्ड में अपना नाम दर्ज करवा लिया है.
यह तीसरी बार हुआ जब विनोद ने यह कारनामा किया है
एक हाथ में सबसे तेजी से A-Z तक वर्णमाला लिखने के लिए विनोद का नाम गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रेकॉर्ड में दर्ज हो गया है. इससे पहले भी विनोद दो बार गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं. आँखों में पट्टी बांध कर सबसे तेज A-Z तक वर्णमाला लिखने की वजह से उनका नाम गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ था और सबसे तेज नाक में टाइप करने के लिए भी रिकॉर्ड उनके नाम गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है. विनोद कुमार कहते हैं कि वह दुनिया के प्रथम व्यक्ति हैं जिन्होंने टाइपिंग में तीन रिकॉर्ड अलग-अलग क्षेत्र में बनाए हैं.
कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में काम कर रहे हैं
विनोद कुमार एक टाइपिस्ट हैं और जेएनयू के पर्यावरण विज्ञान संस्थान में एक कॉन्ट्रैक्ट कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में काम कर रहे हैं. विनोद का कहना है उनको गर्व है कि जो काम वह धावक के रूप में नहीं कर पाए वह काम वे टाइपिस्ट के रूप में कर रहे हैं और आगे भी रिकॉर्ड कायम करने के लिए वह कोशिश करते रहेंगे. विनोद का कहना है एक धावक की तरह वह अपनी ज़िंदगी में संघर्ष कर रहे हैं. विनोद उन बच्चों को शारीरिक और मानसिक तौर पर भी तैयार कर रहे हैं जो अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने का सपना देखते हैं, वह सिपाही बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं.
प्रधानमंत्री से मिलना चाहते है विनोद
विनोद कहते हैं कि वह अपने कौशल को समाज के अन्य ज़रूरतमंद व्यक्तियों तक पहुंचाने का कार्य भी समय-समय पर कर रहे हैं और समय मिलने पर बच्चों को ट्रेनिंग भी देते रहते हैं लेकिन इसके लिए कोई शुल्क नहीं लेते हैं. विनोद प्रधानमंत्री से मिलकर उनका आशीर्वाद लेना चाहते हैं और साथ-साथ यह भी आशा करते हैं उनके जीवन में कुछ अच्छा हो सके और उनका संघर्ष ख़त्म हो सके.
यह तीसरी बार हुआ जब विनोद ने यह कारनामा किया है
एक हाथ में सबसे तेजी से A-Z तक वर्णमाला लिखने के लिए विनोद का नाम गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रेकॉर्ड में दर्ज हो गया है. इससे पहले भी विनोद दो बार गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं. आँखों में पट्टी बांध कर सबसे तेज A-Z तक वर्णमाला लिखने की वजह से उनका नाम गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ था और सबसे तेज नाक में टाइप करने के लिए भी रिकॉर्ड उनके नाम गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है. विनोद कुमार कहते हैं कि वह दुनिया के प्रथम व्यक्ति हैं जिन्होंने टाइपिंग में तीन रिकॉर्ड अलग-अलग क्षेत्र में बनाए हैं.
कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में काम कर रहे हैं
विनोद कुमार एक टाइपिस्ट हैं और जेएनयू के पर्यावरण विज्ञान संस्थान में एक कॉन्ट्रैक्ट कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में काम कर रहे हैं. विनोद का कहना है उनको गर्व है कि जो काम वह धावक के रूप में नहीं कर पाए वह काम वे टाइपिस्ट के रूप में कर रहे हैं और आगे भी रिकॉर्ड कायम करने के लिए वह कोशिश करते रहेंगे. विनोद का कहना है एक धावक की तरह वह अपनी ज़िंदगी में संघर्ष कर रहे हैं. विनोद उन बच्चों को शारीरिक और मानसिक तौर पर भी तैयार कर रहे हैं जो अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने का सपना देखते हैं, वह सिपाही बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं.
प्रधानमंत्री से मिलना चाहते है विनोद
विनोद कहते हैं कि वह अपने कौशल को समाज के अन्य ज़रूरतमंद व्यक्तियों तक पहुंचाने का कार्य भी समय-समय पर कर रहे हैं और समय मिलने पर बच्चों को ट्रेनिंग भी देते रहते हैं लेकिन इसके लिए कोई शुल्क नहीं लेते हैं. विनोद प्रधानमंत्री से मिलकर उनका आशीर्वाद लेना चाहते हैं और साथ-साथ यह भी आशा करते हैं उनके जीवन में कुछ अच्छा हो सके और उनका संघर्ष ख़त्म हो सके.
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