सुरेश प्रभु का छलका दर्द, सांता जब चाहते हैं तभी आते हैं, जब आप चाहेंगे वह नहीं आएंगे

सुरेश प्रभु का छलका दर्द, सांता जब चाहते हैं तभी आते हैं, जब आप चाहेंगे वह नहीं आएंगे

सुरेश प्रभु का छलका दर्द

पणजी:

रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने रेलवे के बुनियादी ढांचों के लिए बजट के बाहर के संसाधनों से वित्तपोषण करने के केंद्र के फैसले की तुलना क्रिसमस के मौके पर सांता क्लॉज के आने से की. उन्होंने महाराष्ट्र और कर्नाटक में एक साथ कोंकण रेलवे की कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं लॉन्च करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए कहा, सांता जब चाहते हैं तभी केवल वह आते हैं. जब आप चाहेंगे तब वह नहीं आएंगे. रेलवे लंबे समय से सांता क्लाउस का बाट जोह रहा है. उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से, सांता के पास देखभाल के लिए कई अन्य बच्चे हैं अतएव उसे रेलवे बहुत आकषर्क गंतव्य नहीं लगा. मंत्री रेलवे की बुनियादी ढांचों का बजट के बाहर संसाधन जुटाकर वित्त पोषण करने की केंद्र सरकार की पहल का जिक्र कर रहे थे.

उन्होंने कहा, हमने बजट के बाहर संसाधन जुटाकर रेल की बुनियादी ढांचों का वित्तपोषण शुरू किया है. मैंने 8,66,000 करोड़ रुपए की (बुनियादी ढांचा उन्नयन की) योजना तैयार की जिसे मैंने दो साल से भी पहले संसद में पेश किया था. ’ उन्होंने कहा, मुझे यह कहने में खुशी है कि पिछले ढाई सालों के दौरान पूंजीगत व्यय की राशि, जो हमने सृजित की है, 3,50,000 करोड़ रुपये है. प्रभु ने कहा, इस साल पूंजीगत व्यय, योजनागत व्यय 1,31,000 करोड़ रुपये है. वित्त मंत्री ने 65,000 करोड़ रुपये का सहयोग किया है, अतएव बाकी 66,000 रुपये बजट के बाहर से आ रहे हैं.

इसके अलावा रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि भारतीय रेलवे की आलीशान ट्रेन महाराजा एक्सप्रेस जल्द ही पश्चिम और दक्षिण भारत में चलेगी. प्रभु ने कहा, दिल्ली और राजस्थान कवर करके उत्तर भारत में चलने वाली महाराजा एक्सप्रेस इस साल से पश्चिम और दक्षिण भारत में भी शुरू की जाएगी. उन्होंने कहा कि ट्रेन गोवा, महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल में चलेगी और इन राज्यों में दुनियाभर के पर्यटकों को आमंत्रित करेगी. उन्होंने कहा कि इससे गोवा और कोंकण में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ाने में मदद मिलेगी. प्रभु ने कहा कि उन्होंने इस ट्रेन को शुरू करने के बारे में गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर से चर्चा की है.


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