खास बातें
- गोवा में ब्रिक्स सम्मेलन से इतर पुतिन और पीएम मोदी की मुलाकात होगी
- रूस ने एस-400 को सीरिया में भी तैनात किया गया है
- यह 400 किलोमीटर के दायरे में करीब 300 निशानों को ट्रैक कर सकता है
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस की सबसे आधुनिक वायु रक्षा प्रणाली को खरीदने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. भारत ने करीब 39000 करोड़ की लागत से 5 एस-400 ‘ट्रायंफ’ वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की खरीद के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
एस 400 मिसाइल बनाने वाली कंपनी द्वारा जारी एक्सक्लूसिव हाई रिजोल्यूशन फुटेज में इन मिसाइलों के दिन और रात में अपने लॉन्च पैड से लॉन्च होते देखा जा सकता है. इनमें से ज्यादातर फुटेज को कंपनी ने पहले कभी जारी नहीं किया.
गोवा में शनिवार को ब्रिक्स सम्मेलन से इतर रूसी राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी की मुलाकात होगी.
रूस की सबसे आधुनिक वायु रक्षा प्रणाली एस-400 को सीरिया में भी तैनात किया गया है जहां रूस अपने पुराने सहयोगी सीरिया के राष्ट्रपति बशर-अल-असद के समर्थन में बमबारी कर रहा है.
एस-400 मिसाइल सिस्टम 400 किलोमीटर के दायरे में करीब 300 निशानों को ट्रैक कर सकता है और एक साथ करीब 3 दर्जन को मार गिरा सकता है. इस मिसाइल सिस्टम का संवदेशनशील रडार स्टील्थ विमानों का भी पता लगाने में सक्षम माना जाता है. गौरतलब है कि स्टील्थ विमान प्राय: रडार की पकड़ में नहीं आते हैं.
भारत द्वारा खरीदी जा रही 5 मिसाइलों से सामरिक महत्व के बड़े ठिकानों जिनमें परमाणु ऊर्जा संयंत्रों और महत्वपूर्ण सरकारी संस्थानों की सुरक्षा में मदद मिलेगी. ये मिसाइलें भारत के लिए एक तरह से मिसाइल शील्ड का भी काम करेंगी जो पाकिस्तान या चीन की परमाणु शक्ति संपन्न बैलेस्टिक मिसाइलों से सुरक्षा प्रदान करेगी.
रूस की भारत के लिए प्रोजेक्ट 11356 के तहत युद्धपोत बनाने के संबंध में समझौता करने की और कामोव का-226 टी हेलीकॉप्टर के उत्पादन के लिए रूस-भारत का संयुक्त उपक्रम स्थापित करने की भी योजना है.
पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने सोवियत काल के हथियारों और साजोसामान को उन्नत करने के लिए करीब 10000 करोड़ रुपये के समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं.
करीब एक दशक की चर्चा के बाद सितंबर में भारत ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों को करीब 59000 करोड़ में खरीदने के समझौते को अंतिम रूप दिया है.
- साथ में एजेंसी इनपुट