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This Article is From Aug 24, 2019

पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का 66 साल की उम्र में निधन

पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का 66 साल की उम्र में निधन हो गया है. 

नई दिल्ली:

पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का 66 साल की उम्र में निधन हो गया है. उनको बीते 9 अगस्त को दिल्ली के एम्स में भर्ती करवाया गया था. उस समय उनको सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. लेकिन अस्पताल में भर्ती होने के बाद उनकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई. कुछ साल पहले ही उनकी बैरियाट्रिक सर्जरी की गई थी. बता दें कि पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) की हालत बीते शुक्रवार को ही बिगड़ गई थी. अरुण जेटली को सांस लेने में तकलीफ को लेकर नौ अगस्त को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था. उनका बीते गुरुवार को डायलसिस किया गया था. शुक्रवार को भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमा भारती ने एम्स पहुंचकर अरुण जेटली के स्वास्थ्य की जानकारी ली. इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सहित कई वरिष्ठ नेता एम्स पहुंचकर जेटली का हालचाल ले चुके हैं.  


सांस लेने में तकलीफ के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली को एम्स में भर्ती कराया गया

आपको बता दें कि सांस लेने में तकलीफ और बेचैनी की शिकायत के बाद नौ अगस्त को उन्हें एम्स में भर्ती किया गया था. इस साल मई में जेटली (Arun Jaitley) को इलाज के लिये एम्स में भर्ती कराया गया था. जेटली पेशे से एक वकील हैं और वह भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल का अहम हिस्सा रहे थे. उन्होंने वित्त एवं रक्षा दोनों मंत्रालयों का कार्यभार संभाला था और उन्होंने प्राय: सरकार के प्रमुख संकटमोचक के तौर काम किया.  

अरुण जेटली की सेहत ‘हीमोडायनेमिकली स्टेबल', उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू देखने पहुंचे

अपने खराब स्वास्थ्य के कारण ही जेटली (Arun Jaitley) ने 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा. पिछले साल 14 मई को एम्स में उनके गुर्दे का प्रतिरोपण हुआ था और उस वक्त उनकी जगह रेल मंत्री पीयूष गोयल ने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला था. गौरतलब है कि अरुण जेटली के लिए राजनीतिक हलकों में अनौपचारिक तौर पर माना जाता था कि वह 'पढ़े लिखे विद्वान मंत्री' हैं. पिछले तीन दशक से अधिक समय तक अपनी तमाम तरह की काबिलियत के चलते जेटली लगभग हमेशा सत्ता तंत्र के पसंदीदा लोगों में रहे, सरकार चाहे जिसकी भी रही हो.

अति शिष्ट, विनम्र और राजनीतिक तौर पर उत्कृष्ट रणनीतिकार रहे जेटली भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए मुख्य संकटमोचक थे जिनकी चार दशक की शानदार राजनीतिक पारी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के चलते समय से पहले समाप्त हो गई. खराब सेहत के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दूसरी बार बनी सरकार से खुद को बाहर रखने वाले 66 वर्षीय जेटली का शनिवार को यहां एम्स में निधन हो गया. सांस लेने में तकलीफ और बेचैनी की शिकायत के बाद उन्हें यहां भर्ती कराया गया था. सर्वसम्मति बनाने में महारत प्राप्त जेटली को कुछ लोग मोदी का ऑरिजनल 'चाणक्य' भी मानते थे जो 2002 से मोदी के लिए मुख्य तारणहार साबित होते रहे. मोदी तब मुख्यमंत्री थे और उनपर गुजरात दंगे के काले बादल मंडरा रहे थे. 

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