अमेरिकी विरोध को नजरअंदाज करते हुए भारतीय वायुसेना और नौसेना के विमान 26 जनवरी को होने वाले फ्लाईपास्ट में हिस्सा लेंगे। परेड के दौरान एक-दो नही, 20 लड़ाकू विमान, 10 हेलीकॉप्टर और तीन ट्रांसपोर्ट विमान राजपथ के ऊपर से उड़ान भरेंगे।
दरअसल अमेरिका चाहता था कि राष्ट्रपति बराक ओबामा की मौजूदगी वाली जगह से पांच किलोमीटर के दायरे को 'नो फ्लाई जोन' घोषित कर दिया जाए, क्योंकि इससे अमेरिकी राष्ट्रपति को खतरा हो सकता है। डीजीसीए, यानि डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन इसके राजी भी हो गई थी, लेकिन रक्षा मंत्रालय ने इस पर सवाल उठाया कि इससे तो गणतंत्र दिवस परेड का मजा ही बिगड़ जाएगा। दशकों से चले आ रहे फाइटर प्लेनों के फ्लाईपास्ट पर भला रोक कैसे लग सकती है।
बाद में अमेरिकी सुरक्षा अधिकारी भी इस पर राजी हो गए और कहा कि सिर्फ सेना के विमानों को ही उड़ान की इजाज़त मिलेगी। परेड का मुख्य आकर्षण समझे जाने इन विमानों में सुखोई से लेकर मिग-29 के तक शामिल हैं। नौसेना ने अपने बेड़े में अमेरिका से खरीदे गए निगरानी विमान पी-8-आई को भी शामिल किया है, जबकि वायुसेना के बेड़े में रूसी सुखोई का जलवा होगा।
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