उत्तर प्रदेश में कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है और इससे जुड़ी घटनाओं में मरने वालों की संख्या 63 हो गई जबकि देश के उत्तरी हिस्से के ज्यादातर भागों में मौसम सूखा रहा और तापमान में वृद्धि हुई।
उत्तर प्रदेश में, बाढ़ संबंधी घटनाओं में 15 और लोगों की मौत के साथ ही ऐसे हादसों में जान गंवाने वालों की संख्या 63 हो गई। कई नदियां उफान पर हैं और कई जगहों से उनके तटबंध टूटने की वजह से समस्या बढ़ गई है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बाढ़ संबंधी घटनाओं के चलते बीते 24 घंटे में बहराइच जिले में 8 व्यक्ति, श्रावस्ती और बलरामपुर जिले में तीन तीन व्यक्ति और लखीमपुर में एक व्यक्ति की जान चली गई।
राज्य में बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, लखीमपुर, बाराबंकी, गोंडा, सीतापुर, फैजाबाद और आजमगढ़ जिला बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं।
बहराइच जिले के 220 गांवों की 1,206 बसावटों की तीन लाख से अधिक आबादी बाढ़ के कारण प्रभावित हुई है। श्रावस्ती में भींगा और इकौना तहसीलों के 100 से अधिक गांवों के करीब 60,000 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इनमें से 28,000 लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं।
लखीमपुर से मिली खबरों के अनुसार, मोहाना नदी के कारण निघासान तहसील में और घाघरा नदी के कारण धौराहरा तहसील में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। हालांकि पानी घट रहा है लेकिन नदी के किनारे बसे इलाकों पर आसन्न खतरा टला नहीं है। आजमगढ़ की खबरों में कहा गया है कि घाघरा नदी उफान पर है और बाढ़ से सागदी तहसील के 80 गांवों के करीब 60,000 लोग प्रभावित हुए हैं। महुला..गढ़वाल चेकडैम पर दबाव बढ़ रहा है और पारसिया गांव के समीप उसमें दरार आ गई है।
बलरामपुर जिले की खबरों में कहा गया है कि तुलसीपुर और बलरामपुर तहसील में जलस्तर कम हुआ है, लेकिन अतरौला में अभी भी जलस्तर बढ़ रहा है। बलरामपुर-तुलसीपुर और बलरामपुर-अतरौला मार्ग बंद कर दिए गए हैं।
बाराबंकी की खबरों के अनुसार, विभिन्न तहसीलों के 118 गांवों के करीब 95,000 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
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