बेंगलुरु:
बेंगलुरु से तक़रीबन 50 किलोमीटर दूर बेट्टाअलसूरु लेक में डूबने से स्थानीय इंजीनियरिंग कॉलेज के दूसरे साल में पढ़ रहे 5 छात्रों मई मौत हो गयी। इनमें से चार का शव बरामद हो गया है लेकिन अब तक पांचवें शव का पता नहीं चल पाया है।
डीसीपी विकास कुमार के मुताबिक हरीश का अबतक पता नहीं चल पाया है। रहत और बचाव का काम अंधेरे और बारिश की वजह से शाम तक़रीबन 7 बजे रोक दिया गया जो कि शुक्रवार तड़के दुबारा शुरू होगा।
इस इलाक़े में चारो तरफ़ पत्थरों की माइनिंग का काम होता है। आसपास गड्ढा बन गया और इसमें कई सालों से पानी जमा है जिसकी गहराई 80 फ़ीट के आसपास है। खतरे को देखते हुए इस झील को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। इसके बावजूद इन छात्रों ने रोमांच के लिए इसमें डुबकी लगाई जो जानलेवा साबित हुई।
रेवनसिद्धेश्वरा इंजीनियरिंग कॉलेज के मारे गये 5 छात्रों में से 2 यानी राजेश और के एम् पाटिल नेपाल के हैं जबकि नंदकुमार हरीश और चंद्रशेखर बेंगलुरु के रहने वाले थे।
डीसीपी विकास कुमार के मुताबिक हरीश का अबतक पता नहीं चल पाया है। रहत और बचाव का काम अंधेरे और बारिश की वजह से शाम तक़रीबन 7 बजे रोक दिया गया जो कि शुक्रवार तड़के दुबारा शुरू होगा।
इस इलाक़े में चारो तरफ़ पत्थरों की माइनिंग का काम होता है। आसपास गड्ढा बन गया और इसमें कई सालों से पानी जमा है जिसकी गहराई 80 फ़ीट के आसपास है। खतरे को देखते हुए इस झील को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। इसके बावजूद इन छात्रों ने रोमांच के लिए इसमें डुबकी लगाई जो जानलेवा साबित हुई।
रेवनसिद्धेश्वरा इंजीनियरिंग कॉलेज के मारे गये 5 छात्रों में से 2 यानी राजेश और के एम् पाटिल नेपाल के हैं जबकि नंदकुमार हरीश और चंद्रशेखर बेंगलुरु के रहने वाले थे।
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