महाराष्ट्र में शिवसेना ने कई नाटकीय घटनाक्रमों के बाद विपरीत विचारधारा वाली पार्टियों Congress-NCP के साथ मिलकर सरकार बनाई है और उद्धव ठाकरे राज्य के मुख्यमंत्री बने. बताया जा रहा है कि विधानसभा सत्र के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा. इस गठबंधन को लेकर तीनों ही पार्टियों के नेताओं का कहना है कि एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत यह सरकार बनी है. लेकिन सरकार बनने के बाद अब तक तीसरा मौका है जब शिवसेना ने कांग्रेस से अलग रुख अपनाया है. हालांकि जब सावरकर वाले मुद्दे पर जब मतभेद सामने आए थे तो गठबंधन के नेताओं का कहना है कि थोड़ा बहुत मतभेद तो होंगे और उनकी ओर से बिहार में बीजेपी और जेडीयू गठबंधन का उदाहरण दिया गया कि कई मुद्दों पर उनमें भी मतभेद है.
सावरकर पर आमना-सामना
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिल्ली के जंतर मंतर पर 'भारत बचाओ रैली' में कहा कि उनका नाम 'राहुल सावरकर' नहीं है, जो माफी मांगेंगे. दरअसल बीजेपी ने उनसे 'रेप इन इंडिया' वाले बयान पर माफी मांगने मांग कर रही है. राहुल रैली में उसी बात का जवाब दे रहे थे. लेकिन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की यह बात गठबंधन की साथी शिवसेना को नागवार गुजरी है. शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने ट्वीट किया, 'वीर सावरकर न सिर्फ महाराष्ट्र, बल्कि पूरे देश के लिए आदर्श हैं. सावरकर का नाम राष्ट्र और स्वयं के बारे में गौरव को दर्शाता है. नेहरू और गांधी की तरह सावरकर ने भी देश के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया. ऐसे प्रत्येक आदर्श को पूजनीय मानना चाहिए. इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता'. संजय राउत के इस बयान का महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी समर्थन किया है. उन्होंने राहुल गांधी के बयान को देशभक्तों का अपमान बताया और उन्हें एक बार फिर से इस बयान के लिए माफ़ी मांगने की बात कही.
Rahul Gandhi's statement is absolutely condemnable!
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) December 14, 2019
He is nowhere close to even a single good deed of Veer Savarkar & his greatness.
Not just this,he should not even do the blunder of considering himself as ‘Gandhi'!One cannot become ‘Gandhi'by just keeping his surname as Gandhi!
नागरिकता कानून पर सरकार को समर्थन
लोकसभा में शिवसेना ने नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन किया और पक्ष में वोट डाला. इतना ही नहीं शिवसेना नेताओं ने इस बिल के समर्थन में खुलकर बयान भी दिए. इसके बाद जब यह बिल राज्यसभा पहुंचा तो पहले शिवसेना ने कहा कि लोकसभा में उसकी ओर से कुछ सुझाव दिए गए थे जब तक इस पर कोई जवाब नहीं मिलेगा वह बिल का समर्थन नहीं करेगी. एक बार ऐसा लगा कि क्या शिवसेना राज्यसभा में इस बिल के खिलाफ वोट डालेगी. लेकिन वोटिंग होने पर राज्यसभा से वॉकआउट कर गई और एक तरह से उसने विरोध जताते हुए सरकार की ही मदद की.
नागरिकता कानून पर राष्ट्रपति से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल से किनारा
नागरिकता कानून के खिलाफ देश भर में हो रहे प्रदर्शनों पर आज विपक्ष का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिलने वाला है. लेकिन शिवसेना ने इस प्रतिनिधिमंडल में भी जाने से इनकार कर दिया है. राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, 'मैं इसके बारे में कुछ नहीं जानता. शिवसेना इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं है'.
Sanjay Raut, Shiv Sena on opposition parties delegation to meet the President over #CitizenshipAmendmentAct: I do not know about it. Shiv Sena is not part of this delegation. #Maharashtra pic.twitter.com/aZgpQwVPvm
— ANI (@ANI) December 17, 2019
मायावती ने कांग्रेस से पूछा सवाल
बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने रविवार को ट्वीट कर कहा, शिवसेना अपने मूल एजेण्डे पर अभी भी कायम है, इसलिए इन्होंने नागरिकता संशोधन बिल पर केन्द्र सरकार का साथ दिया और अब सावरकर को भी लेकर इनको कांग्रेस का रवैया बर्दाश्त नहीं है. लेकिन फिर भी कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के साथ अभी भी बनी हुई है तो यह सब कांग्रेस का दोहरा चरित्र नहीं है तो और क्या है?
1. शिवसेना अपने मूल एजेण्डे पर अभी भी कायम है, इसलिए इन्होंने नागरिकता संशोधन बिल पर केन्द्र सरकार का साथ दिया और अब सावरकर को भी लेकर इनको कांग्रेस का रवैया बर्दाश्त नहीं है।
— Mayawati (@Mayawati) December 15, 2019
राहुल गांधी के बयान पर शिवसेना हुई नाराज, कहा- वीर सावरकर का अपमान न करें
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