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This Article is From May 28, 2017

Air India से बाहर निकलने की तैयारी में मोदी सरकार, मुनाफे के दावे पर कैग से हुई थी 'भिड़ंत'

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि सरकार एयर इंडिया के परिचालन से बाहर निकलने की योजना बना रही है. राष्ट्रीय यात्री विमानन कंपनी एयर इंडिया की बाजार हिस्सेदारी 14 फीसदी है और उस पर 50,000 करोड़ रुपये का कर्ज है.

Air India से बाहर निकलने की तैयारी में मोदी सरकार, मुनाफे के दावे पर कैग से हुई थी 'भिड़ंत'
एयर इंडिया पर 50,000 करोड़ रुपये का कर्ज है...
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि सरकार एयर इंडिया के परिचालन से बाहर निकलने की योजना बना रही है. जेटली ने डीडी न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में कहा, "जेट एयरवेज, इंडिगो, गोएयर जैसी कई निजी विमानन कंपनियां हैं. अगर 86 फीसदी विमानन बाजार निजी क्षेत्र संभाल सकता है तो 100 फीसदी भी निजी क्षेत्र द्वारा चलाया जा सकता है." राष्ट्रीय यात्री विमानन कंपनी एयर इंडिया की बाजार हिस्सेदारी 14 फीसदी है और उस पर 50,000 करोड़ रुपये का कर्ज है.

जेटली ने कहा, "एयर इंडिया पर 50,000 करोड़ रुपये का कर्ज है, जबकि उसके विमानों का मूल्यांकन 20,000-25,000 करोड़ रुपये होगा. नागरिक विमानन मंत्रालय सभी संभावनाएं तलाश रहा है." नागरिक विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने पहले कहा था कि एयर इंडिया के कर्जो को कम करने की जरूरत है तथा इसमें वित्तीय बदलाव के लिए बैलेंस शीट के पुर्नगठन की जरूरत है. सिन्हा ने कहा था, "एयर इंडिया में कॉरपोरेट प्रशासन और बेहतर प्रबंधन को लागू करने की भी जरूरत है. इसके अलावा यह भी देखा जाना चाहिए कि एयर इंडिया की गैर-महत्वपूर्ण संपत्तियों का किस प्रकार से सर्वश्रेष्ठ उपयोग किया जा सकता है."   

मुनाफे के दावे पर कैग ने उठाए थे सवाल
सरकारी नागर विमान सेवा उपक्रम एयर इंडिया ने पिछले वित्त वर्ष में 105 करोड़ रुपये का परिचालन लाभ का दावा किया. ईंधन खर्च में कमी और यात्री संख्या में बढोतरी के साथ कंपनी ने दस साल में पहली बार परिचालन लाभ दिखाया. वित्तीय स्थिति सुधारने में लगी इस एयरलाइन को वर्ष 2014-15 में परिचालन कार्य में 2,636 करोड़ रुपये की हानि हुई थी. इसी दौरान इसकी आय घटकर 20,526 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले 20,613 करोड़ रुपये थी. 2007 के बाद कंपनी पहली बार परिचालन लाभ में आई.  

उधर, भारत के नियंत्रण एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने कहा था कि एयर इंडिया को पिछले वित्त वर्ष में परिचालन मुनाफे के बजाय वास्तव में 321.4 करोड़ रुपये का परिचालन घाटा हुआ. एयरलाइन ने इससे पहले वर्ष के दौरान परिचालन मुनाफा होने की जानकारी दी थी. कैग ने हालांकि, यह स्पष्ट किया कि इसमें आंकड़ों का कोई हेरफेर नहीं हुआ है बल्कि एयरलाइन ने जो आंकड़े रिपोर्ट किये हैं वह वास्तव में ‘घाटे को कम करके बताया गया है.’


 

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