यूपी सरकार ने गैंगरेप के आरोपी पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के मामले में स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी है.
नई दिल्ली:
गैंगरेप के आरोप में जेल में बंद यूपी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस मामले में पूर्व मंत्री समेत बाकी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और मामले की जांच चल रही है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को मामले की सुनवाई बंद कर देनी चाहिए. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश से कहा है कि स्टेटस रिपोर्ट की कॉपी पीड़िता को भी दी जाए.
पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि इस मामले में उसको सुरक्षा दी जाए क्योंकि उसकी जान को खतरा है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता से कहा कि वह अथॉरिटी को ज्ञापन दे और अथॉरिटी इस पर विचार करे.
दरअसल 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा था कि आरोपी प्रभावशाली है तो इसका मतलब यह नहीं कि पुलिस एफआईआर भी दर्ज न करे. इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच की जाए और फाइनल रिपोर्ट दाखिल की जाए.
यूपी सरकार ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि इस मामले की जांच में कोई अपराध सामने नहीं आया है. कोर्ट ने यूपी सरकार से दो महीने में जांच रिपोर्ट मांगी है. शिकायतकर्ता चित्रकूट की रहने वाली है.
महिला का आरोप है कि आरोपी मंत्री ने सपा में उच्च पद दिलाने के नाम पर उससे पिछले दो सालों में कई बार रेप किया और उसकी नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ भी की. महिला का आरोप है कि पुलिस ने उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की. इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट याचिका को खारिज कर चुका था.
गत 6 मार्च को गैंगरेप के आरोपी यूपी के मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर गायत्री प्रसाद प्रजापति ने गिरफ्तारी पर रोक और एफआईआर दर्ज करने के आदेश को वापस लेने की मांग की थी. गायत्री प्रसाद प्रजापति ने अपनी याचिका में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर के आदेश जारी करने से पहले न तो उनको नोटिस जारी किया और न ही उनका पक्ष सुना. उन्होंने आरोप लगाया है कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है और शिकायतकर्ता महिला आदतन ब्लैकमेलर है.
पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि इस मामले में उसको सुरक्षा दी जाए क्योंकि उसकी जान को खतरा है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता से कहा कि वह अथॉरिटी को ज्ञापन दे और अथॉरिटी इस पर विचार करे.
दरअसल 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा था कि आरोपी प्रभावशाली है तो इसका मतलब यह नहीं कि पुलिस एफआईआर भी दर्ज न करे. इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच की जाए और फाइनल रिपोर्ट दाखिल की जाए.
यूपी सरकार ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि इस मामले की जांच में कोई अपराध सामने नहीं आया है. कोर्ट ने यूपी सरकार से दो महीने में जांच रिपोर्ट मांगी है. शिकायतकर्ता चित्रकूट की रहने वाली है.
महिला का आरोप है कि आरोपी मंत्री ने सपा में उच्च पद दिलाने के नाम पर उससे पिछले दो सालों में कई बार रेप किया और उसकी नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ भी की. महिला का आरोप है कि पुलिस ने उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की. इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट याचिका को खारिज कर चुका था.
गत 6 मार्च को गैंगरेप के आरोपी यूपी के मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर गायत्री प्रसाद प्रजापति ने गिरफ्तारी पर रोक और एफआईआर दर्ज करने के आदेश को वापस लेने की मांग की थी. गायत्री प्रसाद प्रजापति ने अपनी याचिका में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर के आदेश जारी करने से पहले न तो उनको नोटिस जारी किया और न ही उनका पक्ष सुना. उन्होंने आरोप लगाया है कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है और शिकायतकर्ता महिला आदतन ब्लैकमेलर है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं