नेताजी के परिजनों के साथ पीएम मोदी (@narendramodi द्वारा ट्वीट की गई तस्वीर)
नई दिल्ली:
नेताजी सुभाष चंद्र बोस से संबंधित गोपनीय फाइलों को केंद्र सरकार अगले साल 23 जनवरी (नेताजी की जयंती) से सार्वजनिक करना शुरू करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी के परिजनों से मुलाकात के बाद यह घोषणा करते हुए कहा कि इतिहास को दबाने की जरूरत नहीं है।
पीएम मोदी ने कहा कि वह विदेशी सरकारों से भी उनके पास उपलब्ध नेताजी से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक करने के लिए उन्हें पत्र लिखेंगे और व्यक्तिगत रूप से विदेशी नेताओं के साथ इस विषय को उठाएंगे, जिसकी शुरुआत दिसंबर में रूस के साथ होगी।
सात दशकों से उलझे इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने बुधवार को उस समय यह घोषणा की, जब उन्होंने नेताजी के परिवार के सदस्यों का अपने सरकारी आवास पर स्वागत किया। घंटे भर चली इस खास मुलाक़ात में दुनिया के अलग-अलग देशों में रह रहे नेताजी के 35 रिश्तेदार शामिल हुए। इस मुलाकात के दौरान गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और केंद्रीय राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नेताजी के परिवार का स्वागत करना उनके लिए सम्मान की बात है। उन्होंने कहा, 'मैंने सुभाष बाबू के परिवार के सदस्यों से कहा, कृपया मुझे अपने परिवार का हिस्सा मानें। उन्होंने अपने कीमती सुझाव मुझसे साझा किए।'
पीएम मोदी ने कहा, 'इतिहास को दबाने की कोई जरूरत नहीं है। जो देश अपने इतिहास को भुला देते हैं उनमें इतिहास बनाने की क्षमता नहीं रह जाती।'
नेताजी से जुड़ी फ़ाइलों को सार्वजनिक करने की मांग पहले से उठती रही है, लेकिन हाल ही में पश्चिम बंगाल सरकार ने जब नेताजी से जुड़ी फ़ाइलों को सार्वजनिक किया तो केंद्र पर दबाव और बढ़ गया। नेताजी के पोते चंद्र बोस ने पहले ही कहा था कि उनका परिवार प्रधानमंत्री मोदी से रूस, जापान, चीन, अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों से नेताजी से जुड़ी फाइलें मुहैया करवाने की अपील करेगा। (इनपुट एजेंसी से)
पीएम मोदी ने कहा कि वह विदेशी सरकारों से भी उनके पास उपलब्ध नेताजी से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक करने के लिए उन्हें पत्र लिखेंगे और व्यक्तिगत रूप से विदेशी नेताओं के साथ इस विषय को उठाएंगे, जिसकी शुरुआत दिसंबर में रूस के साथ होगी।
सात दशकों से उलझे इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने बुधवार को उस समय यह घोषणा की, जब उन्होंने नेताजी के परिवार के सदस्यों का अपने सरकारी आवास पर स्वागत किया। घंटे भर चली इस खास मुलाक़ात में दुनिया के अलग-अलग देशों में रह रहे नेताजी के 35 रिश्तेदार शामिल हुए। इस मुलाकात के दौरान गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और केंद्रीय राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नेताजी के परिवार का स्वागत करना उनके लिए सम्मान की बात है। उन्होंने कहा, 'मैंने सुभाष बाबू के परिवार के सदस्यों से कहा, कृपया मुझे अपने परिवार का हिस्सा मानें। उन्होंने अपने कीमती सुझाव मुझसे साझा किए।'
पीएम मोदी ने कहा, 'इतिहास को दबाने की कोई जरूरत नहीं है। जो देश अपने इतिहास को भुला देते हैं उनमें इतिहास बनाने की क्षमता नहीं रह जाती।'
नेताजी से जुड़ी फ़ाइलों को सार्वजनिक करने की मांग पहले से उठती रही है, लेकिन हाल ही में पश्चिम बंगाल सरकार ने जब नेताजी से जुड़ी फ़ाइलों को सार्वजनिक किया तो केंद्र पर दबाव और बढ़ गया। नेताजी के पोते चंद्र बोस ने पहले ही कहा था कि उनका परिवार प्रधानमंत्री मोदी से रूस, जापान, चीन, अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों से नेताजी से जुड़ी फाइलें मुहैया करवाने की अपील करेगा। (इनपुट एजेंसी से)
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