
फादर टॉम का पिछले साल यमन में आईएस आतंकियों ने अपहरण कर लिया था
- 4 मार्च, 2016 को आतंकियों ने यमन के एक वृद्धाश्रम पर हमला किया
- वृद्धाश्रम से भारतीय पादरी फादर टॉम को अगवा कर लिया गया था
- 12 सितंबर को मुक्त हुए थे फादर टॉम आईएस के चंगुल से
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केरल के इस पादरी ने दिल्ली हवाईअड्डे पर उन सभी लोगों के प्रति आभार जताया जिन्होंने उनकी रिहाई में मदद की. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "मैं बहुत खुश हूं. इस दिन को संभव बनाने के लिए ईश्वर का धन्यवाद. मैं उन सभी लोगों का आभारी हूं जिन्होंने मेरी सुरक्षित रिहाई के लिए अपने-अपने स्तर से काम किया."
VIDEO: आईएस के चंगुल से छूटे फादर टॉम ने किया सभी का धन्यवाद
इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने पादरी को गुलदस्ता देते हुए मोदी की एक तस्वीर साझा की.
आतंकवादियों ने पिछले साल मार्च में यमन के अदन शहर में मिशनरीज ऑफ चैरिटी के एक वृद्धाश्रम पर हमला कर मिशनरीज की चार ननों समेत कई लोगों की हत्या कर दी थी और फादर टॉम को बंधक बना लिया था. उनकी रिहाई भारत और ओमान के शाह के हस्तक्षेप के बाद संभव हुई.
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