26 जनवरी की हिंसा की साज़िश को लेकर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने यूएपीए के तहत केस दर्ज किया है. स्पेशल सेल दिल्ली पुलिस की एन्टी टेरर यूनिट है. लाल किले में हिंसा और पूरी दिल्ली में हुई हिंसा की साज़िश की जांच होगी. हिंसा के पीछे मास्टरमाइंड कौन है पता लगाया जाएगा. गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा को लेकर किसान संगठनों ने जहां असमाजिक तत्वों के रैली में घुसने और साजिश की बात कही है वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की तरफ से भी तीखी प्रतिक्रिया आई है. प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ''दिल्ली में जिस तरह से हिंसा हुई उसकी जितनी भर्त्सना की जाय कम है. जिन्होंने उकसाया उन सब कार्रवाई होनी चाहिए. लाल किले पर तिरंगे का अपमान हुआ वो अपमान हिंदुस्तान सहन नहीं करेगा.'' जावड़ेकर ने कहा, ''कांग्रेस ने लगातार उकसाने का काम किया. पंजाब में उनकी सरकार है. पंजाब सरकार को पंजाब से निकलने वाले ट्रैक्टर पर पाबंदी नहीं लगाई. राहुल गांधी केवल समर्थन नहीं कर रहे थे उकसा रहे थे. CAA के समय भी ऐसा हुआ, कांग्रेस की रैली हुई सड़क पर आने की बात हुई और दूसरे दिन लोग सड़क पर आ गए. कल भी यही हुआ, कल के ट्वीट सबके सामने हैं. कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से कहा गया अहिंसक आंदोलन को हिंसक दिखाने की कोशिश.''
वहीं दिल्ली पुलिस ने लाल किले (Red Fort) पर हुई हिंसा के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी में अभिनेता दीप सिद्धू (Deep Sidhu) और ‘गैंगस्टर' से सामाजिक कार्यकर्ता बने लक्खा सिधाना के नाम लिए हैं. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, सार्वजनिक संपत्ति को क्षति से रोकथाम अधिनियम और अन्य कानूनों की प्रासंगिक धाराओं के तहत उत्तरी जिले के कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया है.
वहीं कांग्रेस ने इस हिंसा के लिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और इसके गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) पर तीखा हमला बोला है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने कहा कि दिल्ली में हिंसा के लिए सीधे सीधे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ज़िम्मेदार हैं और पीएम मोदी को उन्हें बर्खास्त करना चाहिए. सुरजेवाला ने कहा कि 'भीड़' को लालक़िले में घुसने दिया गया और पुलिस कुर्सी पर बैठी रही. इसमें मोदी-शाह के 'चेले' दीप संधू की उपस्थिति चौंकाने वाली है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, 'किसान आंदोलन को सरकार बलपूर्वक नहीं हटा पायी तो इसे छलपूर्वक हटाने में लगी है. मोदी और शाह सरकार की नीति है-पहले प्रताड़ित करो, फिर मीटिंग-दर-मीटिंग थकाओ, फिर फूट डालो, फिर बदनाम करो और भगाओ.
Here are LIVE Updates on Farmer's Protest
एनडीटीवी संवाददाता को मिली खबर के अनुसार, 26 जनवरी की हिंसा की साज़िश को लेकर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने यूएपीए के तहत केस दर्ज किया है. स्पेशल सेल दिल्ली पुलिस की एन्टी टेरर यूनिट है. लाल किले में हिंसा और पूरी दिल्ली में हुई हिंसा की साज़िश की जांच होगी. हिंसा के पीछे मास्टरमाइंड कौन है पता लगाया जाएगा.
एनडीटीवी संवाददाता को मिली खबर के अनुसार, गाजीपुर बार्डर का धरना आज खत्म हो सकता है. राकेश टिकैत गिरफ्तारी देंगे और उनके साथ सैकड़ों दूसरे किसान गिरफ्तार दे सकते हैं. गाजियाबाद प्रशासन मौके पर मौजूद है.
बुराडी ग्राउंड भी खाली हो रहा है. खुद से किसान वापस जा रहे हैं. हालांकि यहा कोई ज्यादा भीड़ नहीं थी, बमुश्किल 50-50 किसान बैठे थे और 4 से 5 ट्रैक्टर थे.
दिल्ली 26 जनवरी को हिंसा के मामले में 33 FIR दर्ज हुई, जिनमें से 9 केस क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिए गए है. समयपुर बदली, कोतवाली, IP स्टेट, नांगलोई, बाबा हरिदास नगर, नजफगढ़ इन सब थानों में दर्ज हुए मामलों की जांच क्राइम ब्रांच करेगी. 44 लोगों के खिलाफ LOC जारी कर दी गई है. यानि ये लोग अब देश नहीं छोड़ सकते हैं.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को केरल के वायनाड में एक रैली में कहा कि देश के पूरे किसानों को कृषि बिल अच्छे से समझ नहीं आया है, अगर देश के हर किसान को यह कानून समझ आ जाए तो पूरे देश में इसका विरोध होगा. राहुल ने कहा कि 'सच्चाई यह है कि कि बहुत से किसान इस बिल की डिटेल्स नहीं समझते हैं, क्योंकि अगर वो समझते तो पूरे देश में इसका विरोध शुरू हो जाएगा. पूरे देश में आग लग जाएगी.'
दिल्ली पुलिस ने अपनी प्राथमिकी में लिखा है कि प्रदर्शनकारियों को हर जगह समझाया गया कि ये उनका रुट नहीं है लेकिन वे नहीं माने और हज़ारों की संख्या में उपद्रवी अंदर घुस गए. उनके हाथों में पिस्टल, तलवार, फरसा और डंडे थे. FIR में कहा गया है कि पुलिस वालों को जान से मारने की नीयत से उपद्रवियों ने उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर मारा और बंधक बना लिया.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत में एक हाईवे पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटाए जाने की खबर आई है. जानकारी है कि बुधवार की रात को यूपी पुलिस ने इन किसानों को जबरदस्ती यहां से हटा दिया है. किसानों को हटाए जाने को लेकर यूपी पुलिस ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी के एक नोटिस का हवाला दिया है, जिसमें निर्माण गतिविधि में देरी होने की बात की गई थी.
Farmer's Rally Violence:गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसानों संगठनों की ओर से निकाली गई ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) के दौरान हुई हिंसा के बाद सरकार की सख्ती के मद्देनजर किसान संगठनों (Farmer's union) ने अपने तेवर कुछ नरम किए हैं. इस हिंसा के बाद किसानों ने बजट के दिन यानी 1 फरवरी को संसद मार्च की योजना रद्द कर दी है.