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This Article is From Jan 08, 2021

किसानों की केंद्र को दो टूक, कृषि कानून पर सुप्रीम कोर्ट जाना है या नहीं ये हम खुद तय करेंगे

पिछले 44 दिनों से जारी किसान आंदोलन (Farmers Protest) को खत्म कराने के लिए केंद्र और किसान नेताओं के बीच 8वें दौर की बातचीत हुई. बैठक में 40 किसान नेताओं ने हिस्सा लिया.

किसानों की केंद्र को दो टूक, कृषि कानून पर सुप्रीम कोर्ट जाना है या नहीं ये हम खुद तय करेंगे
Farmers Protest : किसान नेता 26 नवंबर से ही दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं.
नई दिल्ली:

ऑल इंडिया किसान सभा के नेता बालकरण सिंह बरार ने एनडीटीवी से कहा है कि केंद्र सरकार के साथ आठवें दौर की वार्ता में भी कोई नतीजा नहीं निकला है. अगले दौर की बैठक 15 जनवरी को होगी. शुक्रवार की बैठक में सरकार ने किसान संगठन के नेताओं से कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले में पार्टी बनना चाहिए. हालांकि किसान नेताओं ने सरकार से साफ शब्दों में कह दिया है कि इस मामले में हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे या नहीं यह फैसला सभी 40 किसान संगठन के नेता एक साथ मिलकर करेंगे. सरकार हमें कोर्ट जाने का सुझाव नहीं दे सकती. सुप्रीम कोर्ट में 11 जनवरी को महत्वपूर्ण सुनवाई होगी.बरार ने कहा कि हम यह साफ कर देना चाहते हैं कि हमारा आंदोलन तब तक चलता रहेगा जब तक तीनों कानून रद्द नहीं किए जाते चाहे फैसला जो भी हो. 

किसानों ने साफ किया है कि वह अपनी मांग से पीछे नहीं हटेंगे. किसानों की ओर से वार्ता में शामिल किसान नेता बलवंत सिंह बहरामके ने कुछ ऐसा ही रुख जाहिर किया. बहरामके ने अपनी टेबल पर डायरी पर पंजाबी में लिख रख था कि हम मरेंगे या जीतेंगे. किसान नेताओं की यह दृढ़ता दिखा रही है कि सरकार भले ही वार्ता को लंबा खींचकर उन्हें थकाने और अलग-थलग करने का प्रयास करेंगे. लेकिन वे डिगने वाले नहीं हैं.

वहीं कीर्ति किसान यूनियन  के नेता  राजेंद्र सिंह ने एनडीटीवी से कहा कि 8वीं दौर की बैठक का एक ही नतीजा है-तारीख पर तारीख तारीख पर तारीख. देश के प्रधानमंत्री अमेरिका के घटनाक्रम पर ट्वीट करते हैं लेकिन हमारे 70 से ज्यादा साथी शहीद हो चुके हैं लेकिन उन्होंने एक बार भी टिप्पणी नहीं की. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जाने का सुझाव दिया है, लेकिन हम सुप्रीम कोर्ट से कहेंगे अपील करेंगे कि यह मामला सरकार और जनता के बीच का है. जब तक तीनों कानून  वापस नहीं होते हम वापस पंजाब नहीं जाएंगे.

पिछले 44 दिनों से जारी किसान आंदोलन (Farmers Protest) को खत्म कराने के लिए केंद्र और किसान नेताओं के बीच 8वें दौर की बातचीत हुई. बैठक में 40 किसान नेताओं ने हिस्सा लिया. केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा रेल एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश ने इस बैठक में शिरकत की. किसानों ने मांगें नहीं मानने पर गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर राजधानी में ट्रैक्टर रैली निकालने की धमकी दे रखी है. किसानों के साथ अगले दौर की बैठक 15 जनवरी को होगी.

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