विज्ञापन
This Article is From Mar 06, 2016

मराठवाड़ा में किसान ने की आत्महत्या, परिजनों का आरोप - 'सरकार हमें मार रही है'

मराठवाड़ा में किसान ने की आत्महत्या, परिजनों का आरोप - 'सरकार हमें मार रही है'
संजय जाधव (फाइल फोटो)
मुंबई: यह आत्महत्या नहीं हत्या है। मराठवाड़ा के सूखाग्रस्त इलाके में एक किसान की मौत पर उसके परिजनों का यह आरोप है। बारिश की बूंदें बरसी नहीं है, जलाशयों में 6 फीसदी से भी कम पानी बचा है, ऐसे में मॉनसून का इंतजार किसानों पर बहुत भारी पड़ रहा है।

महाराष्ट्र में लातूर के उजनी गांव में 45 साल के संजय जाधव ने खुदकुशी कर ली। उनके साले अण्णासाहिब पाटिल का सीधे-सीधे आरोप है "हम पूरे देश का पेट भरते हैं और हम खुद भूखे हैं। पूरा देश खाना खा रहा है और यहां हम मर रहे हैं, लेकिन यह मौत नहीं है, सरकार हमें मार रही है। हम मर नहीं रहे हैं, सरकार हमारी हत्या कर रही है।"

मंत्रियों के दौरे से पहले हुई घटना
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस सहित 28 कैबिनेट मंत्रियों के मराठवाड़ा दौरे से ठीक पहले संजय जाधव ने जहर पीकर जान दे दी। लगातार पड़ रहे सूखे और 3 लाख के कर्ज ने संजय को लगभग खत्म कर दिया, ऊपर से पिता के कैंसर के इलाज के लिए एक लाख रुपये का कर्ज। पिता को कैंसर ने मार डाला, बेटे को कर्ज ने।

मराठवाड़ा के जलाशयों में सिर्फ 6 फीसदी पानी
ज्यादातर इलाकों में खुदकुशी की बड़ी वजह है सूखा। मराठवाड़ा के जलाशयों से 6 फीसदी से भी कम पानी बचा है। सन 2015 में इन्हीं जलाशयों में 18 फीसदी से ज्यादा पानी था। मराठवाड़ा के मांजरा डैम से बीड़, उस्मानाबाद और लातूर को पानी सप्लाई होता था लेकिन अब यह लगभग खाली हैं। यहां रहने वाले किसान प्रकाश तेले का कहना है "यहां पानी भरा रहता था, लेकिन पिछले दो सालों से पानी नहीं भरा। अब कुछ नहीं बचा है।" किसानों के साथ खतरे में उनके मवेशी भी हैं। मदद के लिए सरकार अब जमीन पर उतरी है, लेकिन शायद बहुत देर से।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
मराठवाड़ा में सूखा, किसान ने की आत्महत्या, सरकार पर आरोप, जलाशयों में 6 फीसदी पानी, लातूर, Draught In Marathwada, Former Suicides, Allegation On Government, Latur, Marathwada
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com