राजस्‍थान के अलवर में भी किसान ने की आत्‍महत्‍या

अलवर:

45 साल के हरसूल यादव ने घर के पास रेल की पटरी पर लेट के जान दे दी। 10 बीघा ज़मीन किराये पर ली थी खेती करने के लिए, क़र्ज़ा 1 लाख 30 हजार रुपये। एक साल पहले बेटियों की शादी भी की थी, सोचा इस साल खेत किराये पर लेकर 2 साल से चला आ रहा ऋण चुका दूंगा। लेकिन ओला वृष्टि ने सारे मंसूबों पर पानी फेर दिया। सरकारी मुआवज़े का इंतज़ार करते करते हरसूल की हिम्मत टूट गई।

हरसूल के पड़ोसी अयूब ने बताया, 'कर्जा हो गया था। मजदूर 300 रुपये में एक दिन के लिए आता है, जितनी पैदावार नहीं थी उससे ज्‍यादा मजदूरी लग गई। इसलिए तनाव के कारण आत्‍महत्‍या किया है।'

33 में से 26 ज़िलों में भरी नुकसान हुआ है। राजस्थान में 3000 ऐसे गांव है जहां फसल 50 फीसदी से ज़्यादा नष्ट हो गई है। कहीं-कहीं किसानों ने बर्बाद फसल में आग लगा दी है, ये कह कर कि इसमें कटाई करना और भरी पड़ेगा।
एक किसान महमूद ने बताया, '4 बीघा जमीन थी, इसमें एक बोरी भी नहीं हुई, हमारी सारी फसल बर्बाद हो गई और हमने इसमें आग लगा दी।'

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किसानों तक मुआवज़ा अभी पहुंचा नहीं है, साथ ही मंडियों में गेहूं की खरीद भी शुरू नहीं हुई है। लेकिन सरकार का मानना है राजस्थान में किसान आत्महत्या नहीं करते।