हरियाणा के पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि हरियाणा पुलिस ने कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पंजाब के किसानों के साथ "बड़े संयम" के साथ व्यवहार किया, जिन्होंने अपने "दिल्ली चलो" मार्च के दौरान कई अवरोधक तोड़ दिए. डीजीपी ने कहा कि किसान दिल्ली की ओर मार्च कर रहे हैं, लेकिन पुलिस बल का सहारा लिए बिना उन्हें रोकने की कोशिश करेगी.
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पंजाब- हरियाणा सीमा पर किसानों पर पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया गया, जबकि कई किसानों ने पुलिस के अवरोधों को तोड़कर आगे बढ़ने में सफल रहे. देर शाम तक, पंजाब और हरियाणा से बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी दिल्ली के करीब पहुंच गए थे, जहां सीमा बिंदुओं पर भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं. यादव ने पीटीआई-भाषा से कहा, "हमने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़े संयम के साथ स्थिति को संभाला."
जब शंभू सीमा और कुछ अन्य स्थानों पर पानी के बौछारों के इस्तेमाल के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि पंजाब से हरियाणा में प्रवेश करने वाले किसानों ने कई जगहों पर पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए. पंजाब-हरियाणा शंभू सीमा पर, सुबह कई घंटों तक पुलिस और पंजाब के किसानों के बीच टकराव की स्थिति बनी रही. पुलिस ने लाउडस्पीकरों से घोषणाएं कर किसानों से पंजाब की तरफ इकट्ठा होने की अपील की. लेकिन जब प्रदर्शनकारियों ने अवरोधकों को हटाने की कोशिश की, तो हरियाणा पुलिस ने पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. किसानों ने कुछ बैरिकेड्स को तोड़कर पुल से उन्हें घग्गर नदी में गिरा दिया.
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दिल्ली की ओर किसानों के मार्च के मद्देनजर राज्य में उत्पन्न स्थिति के बारे में, हरियाणा के डीजीपी ने कहा, “कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हम सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं। हम अपना कर्तव्य निभा रहे हैं.'' उन्होंने कहा कि शाम तक किसान दिल्ली से लगभग 100 किलोमीटर दूर पानीपत के पास थे. यादव ने कहा, "हम उन्हें आगे नहीं बढ़ने के लिए रोकने और मनाने की कोशिश करेंगे."
एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए बड़ी संख्या में किसानों द्वारा विरोध मार्च करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था. हरियाणा पुलिस के प्रमुख ने कहा कि इतनी बड़ी भीड़ के प्रवेश से राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है.
दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कहा था कि उसने किसान संगठनों को अनुमति देने से इनकार कर दिया है, जो 26 और 27 नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन करना चाहते थे. लोगों के इकठ्ठा होने से रोकने के लिए हरियाणा के कई हिस्सों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं