'कृषि कानून वापसी का तरीका और ज्यादा अलोकतांत्रिक' : विपक्ष की बिल पर चर्चा की मांग

कृषि कानून वापसी के अलावा इस सत्र में सरकार 36 बिल लेकर आ रही है. शीत सत्र के पहले दिन किसानों के लिए एमएसपी और बिजली के बिल से संबंधित चर्चा के आसार हैं.

'कृषि कानून वापसी का तरीका और ज्यादा अलोकतांत्रिक' : विपक्ष की बिल पर चर्चा की मांग

विपक्षी दलों ने सत्र से पहले की बैठक.

नई दिल्ली :

संसद का शीतकालीन सत्र गर्म सियासी माहौल के बीच आज से शुरू होने जा रहा है. मोदी सरकार की ओर से आज लोकसभा में तीन विवादित कृषि क़ानून की वापसी का बिल पेस किया जाएगा. इससे पहले विपक्ष ने इस बिल पर चर्चा की मांग की है. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए कहा कि जितना इन कानूनों को पास करना अलोकतांत्रिक था, उससे ज्यादा इनके वापसी का तरीका है. 

सांसद जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'मोदी सरकार बिना किसी बहस के आज संसद में 3 कृषि कानूनों को निरस्त करने वाले विधेयक को पेश करना चाहती है. 16 महीने पहले कानूनों का पारित होना अलोकतांत्रिक था. वापसी का तरीका तो और भी ज्यादा है. विपक्ष वापसी से पहले चर्चा की मांग करता है.'

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'आज संसद में अन्नदाता के नाम का सूरज उगाना है.'

संसद में मोदी सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा के लिए विपक्षी दलों ने एक बैठक की. हालांकि, विपक्षी दलों की बैठक में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने हिस्सा नहीं लिया है. इस बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश, अधीर रंजन चौधरी, मनोज झा, एनसीपी की वंदना चव्हाण और डीएमके के टीआर बालू समेत कई नेता पहुंचे हैं.

कृषि कानून वापसी के अलावा इस सत्र में सरकार 36 बिल लेकर आ रही है. शीत सत्र के पहले दिन किसानों के लिए एमएसपी और बिजली के बिल से संबंधित चर्चा के आसार हैं. साथ ही विपक्ष कोविड से मरने वालों के परिजनों के लिए मुआवज़े का मुद्दा भी उठा सकती है. विपक्ष की कोशिश एकजुट होकर पेगासस, सीमा पर चीन की आक्रमकता और पेट्रोल-डीज़ल समेत ईंधन की बढ़ती क़ीमत पर भी सरकार को घेरने की होगी. 

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संसद का शीतकालीन सत्र आज से, तीनों कृषि कानूनों की वापसी को लेकर पेश किया जाएगा बिल