नई दिल्ली:
सोमालिया के समुद्री डाकुओं की कैद में पिछले नौ महीनों से फंसे 17 नाविकों के परिवारों ने मंगलवार को जहाजरानी मंत्रालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
इन परिवारों ने नाविकों की तत्काल रिहाई की मांग की है। इन नाविकों को यमन अैर सोमालिया के बीच अदन की खाड़ी में संयुक्त अरब अमीरात के एमटी रॉयल ग्रेस नामक जहाज पर बंदी बनाया हुआ है।
समुद्री डकैतों की कैद में फंसे मेहताब की मां ने कहा, ‘‘हां, हम जहाजरानी मंत्री से मिले और उन्होंने हमें इसके बारे में कुछ करने का आश्वासन दिया है। समुद्री डकैतों ने धमकी दी है कि अगर 30 नवंबर तक कुछ नहीं किया जाता तो वे हमारे बच्चों को मार देंगे। इसलिए हमने तय किया है कि जब तक सरकार उन्हें छुड़ाने का फैसला नहीं कर लेती, तब तक हम यहां से नहीं जाएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘डकैतों की कैद में जो मेरा बेटा है, वह दो बच्चों का पिता है। पिछले नौ महीनों में कुछ नहीं हुआ है। अब देखना है कि ये लोग क्या करते हैं।’’ कुछ ऐसी ही वेदना डकैतों की कैद में फंसे एक अन्य नाविक सौरव के संबंधियों की है।
सौरव के एक सम्बंधी ने कहा, ‘‘सरकार ने कहा था कि वे हमसे मिलेगी। हम उनपर तब तक यकीन नहीं कर सकते जब तक वे हमें कुछ देते नहीं हैं। वे बार-बार यही कह रहे हैं कि हम पूरी कोशिश कर रहे हैं। समुद्री डकैतों ने उन्हें 30 नवंबर तक का समय दिया है। हम चाहते हैं कि सरकार हमें पूरी तरह आश्वस्त करे कि हमारे लोगों को कुछ नहीं होगा।’’
सौरव के बड़े भाई ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि हमारे परिवार के सदस्यों को रिहा कराया जाए। अगर उन्हें कुछ भी हो जाता है तो किसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा?’’
इन परिवारों ने नाविकों की तत्काल रिहाई की मांग की है। इन नाविकों को यमन अैर सोमालिया के बीच अदन की खाड़ी में संयुक्त अरब अमीरात के एमटी रॉयल ग्रेस नामक जहाज पर बंदी बनाया हुआ है।
समुद्री डकैतों की कैद में फंसे मेहताब की मां ने कहा, ‘‘हां, हम जहाजरानी मंत्री से मिले और उन्होंने हमें इसके बारे में कुछ करने का आश्वासन दिया है। समुद्री डकैतों ने धमकी दी है कि अगर 30 नवंबर तक कुछ नहीं किया जाता तो वे हमारे बच्चों को मार देंगे। इसलिए हमने तय किया है कि जब तक सरकार उन्हें छुड़ाने का फैसला नहीं कर लेती, तब तक हम यहां से नहीं जाएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘डकैतों की कैद में जो मेरा बेटा है, वह दो बच्चों का पिता है। पिछले नौ महीनों में कुछ नहीं हुआ है। अब देखना है कि ये लोग क्या करते हैं।’’ कुछ ऐसी ही वेदना डकैतों की कैद में फंसे एक अन्य नाविक सौरव के संबंधियों की है।
सौरव के एक सम्बंधी ने कहा, ‘‘सरकार ने कहा था कि वे हमसे मिलेगी। हम उनपर तब तक यकीन नहीं कर सकते जब तक वे हमें कुछ देते नहीं हैं। वे बार-बार यही कह रहे हैं कि हम पूरी कोशिश कर रहे हैं। समुद्री डकैतों ने उन्हें 30 नवंबर तक का समय दिया है। हम चाहते हैं कि सरकार हमें पूरी तरह आश्वस्त करे कि हमारे लोगों को कुछ नहीं होगा।’’
सौरव के बड़े भाई ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि हमारे परिवार के सदस्यों को रिहा कराया जाए। अगर उन्हें कुछ भी हो जाता है तो किसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा?’’
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