विज्ञापन
This Article is From Oct 01, 2015

बलात्कार का आरोप झूठा, 6 साल जेल में गुजारने वाले बेगुनाह ने किया 200 करोड़ का दावा

बलात्कार का आरोप झूठा, 6 साल जेल में गुजारने वाले बेगुनाह ने किया 200 करोड़ का दावा
बेगुनाह बरी हुए गोपाल शेट्टे।
मुंबई: बलात्कार के जुर्म में सात साल की सजा प्राप्त एक निर्दोष को न सिर्फ जेल में जलालत भरे छह साल बरबाद करने पड़े बल्कि समाज के तिरस्कार का सामना भी करना पड़ा। उनका परिवार उजड़ गया लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी बेगुनाही के सबूत जुटाए। अब उसे अदालत ने बाइज्जत बरी कर दिया है।

पीड़ित गोपाल शेट्टे अब चाहते हैं कि उनकी तरह कोई और निर्दोष ऐसा स्थिति का शिकार न हो इसके लिए वह हर्जाने का दावा कर रहे हैं। उन्होंने अब 200 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की है। शेट्टे ने सजा देने वाले सेशन कोर्ट के जज, पैरवी करने वाले सरकारी वकील और जांच में झूठा फंसाने वाले जांच अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। कानून में झूठे सबूत के आधार पर किसी निर्दोष को सजा देने और दिलाने के आरोपियों को 7 साल की सजा का प्रावधान है।

6 साल बाद इज्जत तो मिली लेकिन परिवार उजड़ गया
बताया जाता है कि 42 साल के गोपाल रामदास शेट्टे  6 साल पहले मुंबई मायानगरी में कुछ बनने का सपना लेकर आए थे। लेकिन यहां बलात्कार के आरोप में ऐसे फंसे कि 7 साल की सजा हो गई। इस सदमे से उनके पिता चल बसे, पत्नी घर छोड़कर चली गई और दोनो बेटियां अनाथालय पहुंच गईं। इस पर भी गोपाल ने हिम्मत नहीं हारी। जेल में रहते हुए ही उन्होंने दो ग्रेजुएशन किए और आरटीआई के जरिए अपनी बेगुनाही के सबूत जुटाए। रुपये न होने की वजह से उन्होंने अपनी पैरवी खुद ही की। गोपाल शेट्टे का कहना है कि 6 साल बाद आखिरकार हाईकोर्ट से न्याय तो मिला लेकिन अधूरा।

आरोपी गोपी, पुलिस ने गोपाल को हवालात पहुंचाया
यह मामला सन 2009 का है। घाटकोपर रेलवे स्टेशन के पुल पर एक लड़की से बलात्कार हुआ था। बलात्कारी का नाम गोपी बताया गया था। रेलवे पुलिस ने गोपाल को गोपी समझकर आरोपी बना दिया। गोपाल शेट्टे का दावा है कि उन्होंने पुलिस को बताया कि वह गोपी नहीं गोपाल रामदास शेट्टे है और यहां काम से आया है, लेकिन उसकी बात नहीं सुनी गई। जीआरपी ने चार दिन तक बिना किसी लिखा-पढ़ी के उसको लॉकअप में रखा और बाद में आरोपी बना दिया। पहचान परेड के दिन भी जब लड़की नहीं पहचान पाई तो उंगली से इशारा कर शिनाख्त करा दी गई।

सबूत सामने आए तो असलियत सामने आ गई
यहां तक कि उस सीसीटीवी को जिसमें कि गोपाल को देखे जाने का दावा किया गया था, सबूत नहीं बनाया गया। बात हैरान करने वाली थी इसलिए गोपाल ने आरटीआई के जरिए सीसीटीवी के फुटेज मांगे, जो पहले तो पुलिस ने बहाना बनाया कि वह डिलीट हो गया, लेकिन जब गोपाल ने अपील की तो मजबूर होकर उसे सीसीटीवी फुटेज देना पड़े। सीसीटीवी टीवी में मिले फुटेज उस वारदात के न होकर कुछ और ही थे।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
बलात्कार, झूठा आरोप, सात साल कैद, 200 करोड़ का दावा, गोपाल शेट्टे, मुंबई, घाटकोपर, Rape, Falsely Accused, 6 Years In Prison, Claiming 200 Crore, Gopal Shetty
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com