यह ख़बर 28 जनवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

फलक की हालत नाजुक, माता-पिता की तलाश जारी

खास बातें

  • पिटाई से लगातार अचेत दो साल की बच्ची फलक की हालत शनिवार को भी नाजुक बनी हुई है।
नई दिल्ली:

पिटाई से लगातार अचेत दो साल की बच्ची फलक की हालत शनिवार को भी नाजुक बनी हुई है। चिकित्सकों ने हालांकि बच्ची की हालत में मामूली सुधार दर्ज किया है। उधर, दिल्ली पुलिस का कहना है कि बच्ची के माता-पिता की तलाश की जा रही है।

ज्ञात हो कि बुरी तरह घायल फलक को 18 जनवरी को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में लाया गया था। उसका सिर फूटा हुआ था और मस्तिष्क में दाईं ओर खून जम गया था। उसके समूचे शरीर पर इंसान के दांत के निशान थे।

एक किशोरी बच्ची को अस्पताल लेकर आई थी। उसने खुद को फलक की मां बताया था।

चिकित्सकों ने बताया कि बच्ची की हालत लगातार नाजुक बनी हुई है, लेकिन हालत में कुछ सुधार देखा गया है।

फलक का इलाज कर रहे चिकित्सकों में से एक सुमित सिन्हा ने यहां संवाददाताओं से कहा, "संक्रमण बच्ची के जीवन के लिए चिंता का विषय है।" उन्होंने कहा, "उसे सात से आठ दिन तक वेंटिलेटर पर रखा गया। उसकी नाक में ऑक्सीजन ट्यूब अभी भी लगा हुआ है। हम लगातार उस पर नजर रख रहे हैं। उसे कड़ी एंटीबायोटिक दवाएं दी जा रही हैं।"

सुधार के लक्षण दिखाई देने पर शुक्रवार को जीवन रक्षक उपकरण हटा लिए गए थे।

चिकित्सक ने कहा कि कुछ सकारात्मक लक्षण देखे गए हैं, उसके ठीक होने को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। उन्होंने कहा कि बच्ची के ठीक होने की 30 से 40 प्रतिशत सम्भावना है। उसके मस्तिष्क में लगी गहरी चोट के कारण उसके मानसिक तौर पर कमजोर हो जाने की आशंका है।

इस बीच, पुलिस ने बच्ची के माता-पिता की तलाश तेज कर दी है। इस कार्य के लिए गठित कई टीमें यह भी पता लगाने का प्रयास कर रही है कि किशोरी को यह बच्ची किसने सौंपा था। किशोरी फिलहाल बाल सुधार गृह में है।

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अजय चौधरी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि पुलिस की कई टीमें लोगों से पूछताछ कर रही हैं। मामले का खुलासा जल्द होगा। उन्होंने कहा, "हम राज कुमार (किशोरी जिसके साथ रहती थी) की तलाश कर रहे हैं। एकबार उसके गिरफ्त में आने पर हम मामले की तह में जा पाएंगे।"

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उल्लेखनीय है कि किशोरी दक्षिणी दिल्ली के महिपालपुर में किराये के कमरे में राज कुमार गुप्ता के साथ रहती थी।