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चिकित्सकों ने शुक्रवार को बताया कि श्वसन सम्बंधी समस्या नियंत्रित होने के कारण फलक को वेंटीलेटर से हटा दिया गया है।
एम्स के ट्रामा सेंटर में न्यूरोसर्जरी के सहायक प्रोफेसर दीपक अग्रवाल ने कहा, "सांस सम्बंधी समस्या नियंत्रण में होने के कारण हमने सुबह 11 बजे उसे वेंटीलेटर से हटा दिया। उसमें सुधार के संकेत दिख रहे हैं। दवाओं का असर हो रहा है और उसके फेफड़े एवं रक्त का संक्रमण घट रहा है।" 10 चिकित्सकों की एक टीम के साथ अग्रवाल तीन हफ्ते से बच्ची के स्वास्थ्य की निगरानी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "हम उसके मस्तिष्क में संक्रमण के कम होने का इंतजार कर रहे हैं। उसके बाद फलक के मस्तिष्क का ऑपरेशन कर प्लास्टिक नली डालकर संक्रमित तरल पदार्थ बाहर निकाला जाएगा।" फलक को एम्स में 18 जनवरी को एक 15 वर्षीया एक किशोरी ने भर्ती किया था। किशोरी ने खुद को फलक की मां बताया था। बच्ची के चेहरे एवं शरीर पर मानव दांत के निशान थे और वह गम्भीर रूप से घायल थी। पुलिस इस मामले की जांच मानव व्यापार एवं देह व्यापार के कोण से कर रही है।
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