जितेंद्र तोमर की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
जितेंद्र सिंह तोमर फिलहाल जेल में ही रहेंगे। निचली अदालत ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जितेंद्र तोमर एक जन प्रतिनिधि हैं और उनपर लगे आरोप गंभीर हैं, ऐसी परिस्थितियों में उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती।
बचाव पक्ष ने जमानत की मांग करते हुए दलील दी कि पूरा केस दस्तावेज पर आधारित है, ऐसे में वो किसी तरह से जांच प्रभावित नहीं कर सकते। तोमर जेल से बाहर रहकर जांच में ज्यादा सहयोग कर सकते हैं, उन पर लगे आरोप सही नहीं हैं और उन्हें विधानसभा के सत्र में जाना है।
वहीं अभियोजन पक्ष ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि तोमर ने अपने फायदे के लिए न सिर्फ फर्जी डिग्रियां और मार्कशीट हासिल की हैं बल्कि खुद को बचाने के लिए फर्जी आरटीई तक तैयार करवा ली। ऐसे में अगर वो जमानत पर बाहर रहे तो कई और फर्जी दस्तावेज तैयार कर सकते हैं।
कोर्ट में ऐसे ही हालात में पूर्व सांसद कलमाड़ी की जमानत अर्जी खारिज होने का भी हवाला दिया गया जब कालमाड़ी ने संसद जाने के नाम पर जमानत मांगी थी। कोर्ट न जमानत अर्जी खारिज करने के साथ-साथ पुलिस को तोमर के हस्ताक्षर और लिखावट का नमूना लेने का भी आदेश दिया।
बचाव पक्ष ने जमानत की मांग करते हुए दलील दी कि पूरा केस दस्तावेज पर आधारित है, ऐसे में वो किसी तरह से जांच प्रभावित नहीं कर सकते। तोमर जेल से बाहर रहकर जांच में ज्यादा सहयोग कर सकते हैं, उन पर लगे आरोप सही नहीं हैं और उन्हें विधानसभा के सत्र में जाना है।
वहीं अभियोजन पक्ष ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि तोमर ने अपने फायदे के लिए न सिर्फ फर्जी डिग्रियां और मार्कशीट हासिल की हैं बल्कि खुद को बचाने के लिए फर्जी आरटीई तक तैयार करवा ली। ऐसे में अगर वो जमानत पर बाहर रहे तो कई और फर्जी दस्तावेज तैयार कर सकते हैं।
कोर्ट में ऐसे ही हालात में पूर्व सांसद कलमाड़ी की जमानत अर्जी खारिज होने का भी हवाला दिया गया जब कालमाड़ी ने संसद जाने के नाम पर जमानत मांगी थी। कोर्ट न जमानत अर्जी खारिज करने के साथ-साथ पुलिस को तोमर के हस्ताक्षर और लिखावट का नमूना लेने का भी आदेश दिया।
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