नई दिल्ली:
दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को सोशल साइट फेसबुक की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें साइट ने कहा था कि उस पर आपत्तिजनक सामग्री के लिए मुकदमा नहीं चलाया जा सकता क्योंकि वह सिर्फ अमेरिका की अपनी मूल कंपनी को तकनीकी सहायता प्रदान करती है। भारतीय इकाई की यह भी दलील थी कि वह सामग्री को होस्ट नहीं करती है। इसके प्रबंधन से उसका कुछ भी लेना देना नहीं है।
आज की पेशी में कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह साफ दिखाई देता है कि इस मामले में फेसबुक पर मुकदमा चलाया जा सकता है।
गौरतलब है कि दिसंबर में दिल्ली के एक निवासी मुफ्ती ऐजाज़ अरशद काजमी ने एक मुकदमा किया था जिसमें उन्होंने कोर्ट में तमाम आपत्तिजनक धार्मिक कार्टून, राजनेताओं को कार्टून और आपत्तिजनक चित्र दिखाए थे जिसके आधार पर कोर्ट ने मुकदमा चलाने की अर्जी स्वीकार की थी।
इस अपील में करीब 20 इंटरनेट कंपनियों को नोटिस जारी किया गया था। इनमें फेसबुक, याहू, गूगल आदि साइट शामिल हैं। इन साइटों पर धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाकर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का माहौल बनाने का आरोप लगाया गया था।
इस मुकदमे की अगली सुनवाई चार जून के लिए तय की गई है।
आज की पेशी में कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह साफ दिखाई देता है कि इस मामले में फेसबुक पर मुकदमा चलाया जा सकता है।
गौरतलब है कि दिसंबर में दिल्ली के एक निवासी मुफ्ती ऐजाज़ अरशद काजमी ने एक मुकदमा किया था जिसमें उन्होंने कोर्ट में तमाम आपत्तिजनक धार्मिक कार्टून, राजनेताओं को कार्टून और आपत्तिजनक चित्र दिखाए थे जिसके आधार पर कोर्ट ने मुकदमा चलाने की अर्जी स्वीकार की थी।
इस अपील में करीब 20 इंटरनेट कंपनियों को नोटिस जारी किया गया था। इनमें फेसबुक, याहू, गूगल आदि साइट शामिल हैं। इन साइटों पर धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाकर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का माहौल बनाने का आरोप लगाया गया था।
इस मुकदमे की अगली सुनवाई चार जून के लिए तय की गई है।
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